सरकार वायुसेना में कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध : सीतारमण
सरकार वायुसेना में कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध : सीतारमण
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि पिछले दशक में समय पर फैसला नहीं लेने के चलते वायुसेना में कुछ कमियां पैदा हुई, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। वायुसेना कमांडरों के अर्द्धवार्षिक सम्मेलन में रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की जरूरी क्षमताओं को हासिल करने के लिए बल के प्रमुखों को दी गई शक्तियों का पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में समय पर फैसला लेने के अभाव के चलते पैदा हुई कमियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।क्षेत्रीय सुरक्षा के उभरते परिदृश्य और चीन – भारत सीमा के कुछ हिस्से में चीन के ब़ढते आक्रामक रूख के बीच वायुसेना कमांडरों का यह तीन दिवसीय सम्मेलन हो रहा है। पिछले हफ्ते चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने कहा था कि वायुसेना दो मोर्चों पर युद्ध की स्थिति में चीन और पाकिस्तान से पेश आने वाले किसी खतरे का साथ – साथ मुकाबला करने में सक्षम है। वायुसेना ने एक बयान में कहा कि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि बजटीय आवंटन को अ़डचन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए और जो पूरी तरह से जरूरी है उसे प्राप्त करने पर गौर किया जाना चाहिए। फिलहाल वायुसेना में ३३ फाइटर स्कैवड्रन हैं जबकि इसकी अधिकृत क्षमता ४२ स्कैवड्रन है। वायुसेना सरकार से यह पुरजोर अनुरोध कर रही है कि वह ल़डाकू विमानों की खरीद में तेजी लाए ताकि कमी से निपटा जा सके।रक्षा मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ और आर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड के साथ वायुसेना को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत स्वदेशीकरण के संभावित क्षेत्रों का आंकलन करना चाहिए। अपने संबोधन में वायुसेना प्रमुख धनोवा ने वायुसेना की ताकत को कायम रखने के लिए लगातार कोशिशों और प्रशिक्षण की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही, बल की क्षमता ब़ढाने की प्रक्रिया जारी रखने की अपील की। उन्होंने दोहराया कि ज्यादातर परिस्थितियों में वायुसेना ही सबसे पहले जवाब देती है और इस तरह मेक इन इंडिया पहल पर जोर दे कर क्षमता ब़ढाने की प्रक्रिया को सतत रखने की जरूरत है। वायुसेना ने कहा कि सम्मेलन में बल के संचालन और रख रखाव मुद्दों पर चर्चा होगी। इसमें कई प्रशासनिक पहल भी किए जाने की उम्मीद है। वायुसेना ने कहा कि सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप एयर फोर्स सेलुलर नेटवर्क के लिए दो मोबाइल ऐप भी सम्मेलन के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है।