पांच वर्ष में बने आठ जांच आयोग, छह ने नहीं दी समय से रिपोर्ट

पांच वर्ष में बने आठ जांच आयोग, छह ने नहीं दी समय से रिपोर्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले पांच वर्ष में प्रदेश में घटित विभिन्न घटनाओं की जांच के लिए आठ आयोग बनाए गए, जिनमें से भोपाल केंद्रीय जेल से आठ कैदियों के फरार होने की जांच करने वाले आयोग समेत छह ने अपनी रिपोर्ट समय पर पेश नहीं की।विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये जानकारी विधायक जितेंद्र गेहलोत के एक सवाल के लिखित जवाब में दी। आठ में से मात्र चार की रिपोर्ट अब तक सरकार को प्राप्त हुई है। चौहान ने अपने जवाब में बताया कि प्रदेश में वर्ष २०१२ से जून २०१७ तक सरकार ने आठ जांच आयोग गठित किए। सरकार की ओर से भिंड में गोलीचालन की घटना को लेकर १२ जुलाई २०१२ को, रतनगढ दुघटना जांच के लिए १५ अक्टूबर २०१३ को, सिंगरौली के बै़ढन थाने में गोली चालन को लेकर १६ दिसंबर २०१३ को, ग्वालियर के गोसपुरा में पुलिस मुठभे़ड में मौत पर १७ अगस्त २०१५ को, झाबुआ के पेटलावद में विस्फोट की जांच के लिए १५ सितंबर २०१५ को, भोपाल केंद्रीय जेल से आठ कैदियों के भागने की जांच के लिए सात नवंबर २०१६ को, पेटलावद में मुहर्रम जुलूस को रोके जाने की घटना की जांच के लिए २० नवंबर २०१६ को और मंदसौर में गोली चालन की घटना की जांच हेतु १२ जून २०१७ को जांच आयोग गठित किए गए।इनमें से भिंड, रतनग़ढ, सिंगरौली, ग्वालियर, भोपाल और पेटलावद में मुहर्रम जुलूस मामले के आयोगों ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सही समय पर नहीं सौंपी।

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