राज्यसभा चुनाव: मप्र भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति को भेजी दावेदार उम्मीदवारों के नामों की सूची
राज्यसभा चुनाव: मप्र भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति को भेजी दावेदार उम्मीदवारों के नामों की सूची
भोपाल/भाषा। मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों का चयन करने के लक्ष्य से प्रदेश भाजपा ने पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति को अपने राष्ट्रीय महासचिवों राम माधव एवं कैलाश विजयवर्गीय सहित 20 से 22 दावेदार उम्मीदवारों की सूची भेजी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस पैनल में पार्टी के मध्यप्रदेश से दो राज्यसभा सदस्यों प्रभात झा एवं सत्यनारायण जटिया के नाम भी शामिल हैं। प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया (दोनों भाजपा) एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल इस साल अप्रैल में पूरा होने वाला है। इसी कारण इन तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं।उन्होंने कहा, अब पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति को इस पर अंतिम फैसला करना है कि किन दो प्रत्याशियों को मध्यप्रदेश की राज्यसभा सीटों से उतारा जाए। इस समिति को यह अधिकार भी है कि वह हमारी भेजी गई सूची के अतिरिक्त किसी अन्य नेता को भी चुनाव मैदान में उतार सकते हैं।
2018 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के कारण इन तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस कब्जा कर सकती है, जबकि एक भाजपा के खाते में जाने की उम्मीद है। भाजपा नेता ने बताया कि जिन तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं, उनमें से मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या को देखते हुए एक सीट निश्चित तौर पर भाजपा के खाते में आएगी।
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, हम एक और सीट के लिए जोर आजमा रहे हैं।’ मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।
विधायक राज्यसभा चुनाव में मतदान कर प्रदेश से संसद के उच्च सदन के सदस्य का चुनाव करते हैं। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के बाद राज्य में चल रही सियासी घटनाक्रम के कुछ ही दिनों बाद यह चुनाव हो रहे हैं।
मालूम हो कि मंगलवार को मध्यप्रदेश के 10 विधायक गायब हो गए थे, जिनमें दो बसपा, एक सपा, एक निर्दलीय एवं बाकी कांग्रेस के विधायक थे। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता इन विधायकों को हरियाणा के एक होटल में ले गए हैं और कमलनाथ की सरकार को गिराने के लिए उन्हें करोड़ों रुपए का आफर दे रहे हैं।
हालांकि, भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया और दावा किया कि 26 मार्च को मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर यह कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच चल रही अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है। इसके बाद प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 10 विधायकों में से आठ विधायकों को वापस लाने में अब तक सफल हो चुकी है।