अधिकारों के दमन का रहा कांग्रेस का इतिहास, सोनिया राजधर्म का उपदेश न दें: भाजपा

अधिकारों के दमन का रहा कांग्रेस का इतिहास, सोनिया राजधर्म का उपदेश न दें: भाजपा

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली/भाषा। दिल्ली हिंसा की पृष्ठभूमि में सरकार को राजधर्म का पालन करने की सोनिया गांधी की नसीहत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास ‘वोट बैंक की राजनीति’ के लिए अधिकारों का दमन करने, अपनी बात से पलटने का रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राजधर्म पर उपदेश न दें।

भाजपा ने रामलीला मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण को उद्धृत करते हुए उन पर उत्तेजना फैलाने का भी आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस पार्टी कल राष्ट्रपतिजी के यहां गई थी और हमें राजधर्म के बारे में बताया जा रहा है। आज मुझे राजधर्म के बारे में कांग्रेस पार्टी और सोनियाजी से कुछ सवाल करने हैं।’

उन्होंने कहा कि सोनियाजी आप अपनी टिप्पणी को देखिए जहां आपने रामलीला मैदान में ‘इस पार या उस पार’ की बात कही थी। ये कौनसी भाषा है? प्रसाद ने सवाल किया, ‘ये उत्तेजना नहीं है तो क्या है? ‘इस पार या उस पार’ का मतलब है संवैधानिक रास्ते से अलग। ये कौनसा राजधर्म है सोनिया जी? आपने लोगों में उत्तेजना क्यों फैलाई?’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये समय शांति के लिए हाथ बढ़ाने का है। ये समय उत्तेजना फैलाने का नहीं है। लेकिन कांग्रस पार्टी का स्वर जो दिसंबर में आर-पार का था वही स्वर आज भी है। इसका कारण यह है कि कांग्रेस अपनी हार नहीं भूल पाती है। प्रसाद ने कहा कि दिल्ली में शांति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की, गृह मंत्रीजी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में शांति चाहिए और कांग्रेस राजधर्म के नाम पर देश में उत्तेजना फैलाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं।

भाजपा नेता ने कहा कि सोनिया गांधी आप यह बताइए कि जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के विस्थापित हैं, जिनको उनकी आस्था के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा है, उसको लेकर आपकी पार्टी की एक सोच रही है। आपकी पार्टी के नेताओं ने बार-बार खुलकर इस पर स्टैंड लिया था।

प्रसाद ने कहा कि इंदिराजी ने युगांडा के विस्थापितों की मदद की थी, राजीव गांधीजी ने तमिल लोगों की मदद की थी, मनमोहनजी ने कहा था कि नागरिकता मिलनी चाहिए और अशोक गहलोत ने तो शिवराज पाटिल और आडवाणीजी को पत्र लिखा था कि नागरिकता मिलनी चाहिए। भाजपा नेता ने सवाल किया कि सोनियाजी आपको इसका जवाब देना पड़ेगा कि क्या मनमोहन जी ने जो किया था वो गलत था? क्या जो इंदिराजी और राजीव जी ने काम किया था वो गलत था?

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि यह कौनसा राजधर्म है कि आज सब पलट गए? उन्होंने पूछा कि लोगों को उकसाया जाए, यह कौनसा राजधर्म है सोनिया जी? आपातकाल का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास ‘वोट बैंक की राजनीति’ के लिए अधिकारों का उल्लंघन करने, अपनी बात से पलटने का रहा है और कांग्रेस अध्यक्ष राजधर्म पर उपदेश न दें।

रविशंकर प्रसाद ने शाहीन बाग में बच्चों को प्रधानमंत्री के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उस वक्त आप (सोनिया गांधी) खामोश थीं। क्या आपकी पार्टी ने ये भी नहीं कहने की जरूरत नहीं समझी कि हम इसका समर्थन नहीं करते हैं?

उन्होंने कहा, क्या ये है आपका राजधर्म? भाजपा नेता कपिल मिश्रा और प्रवेश वर्मा के विवादास्पद बयानों के बारे में एक सवाल पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती।

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