अमेठी के लोगों को नहीं समझा वोट बैंक, परिवार के तौर पर जुड़ी और जीती: स्मृति ईरानी

अमेठी के लोगों को नहीं समझा वोट बैंक, परिवार के तौर पर जुड़ी और जीती: स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

कोलकाता/भाषा। कांग्रेस के गढ़ अमेठी से पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि 2014 में उन्होंने देखा कि संसदीय क्षेत्र के लोग खाने के लिए मिट्टी से अनाज के दाने चुन रहे थे।उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद संसदीय सीट से मिले तीन लाख से ज्यादा वोटों ने उन्हें समझाया कि इलाके में कुछ तो दिक्कत है और लोगों को मदद की जरूरत है।

ईरानी ने शनिवार को कहा, अमेठी की बात आने पर मुझे कुछ भी मजाक नहीं लगता। 2014 में मैंने लोगों को मिट्टी से अनाज चुनते हुए देखा है। उन्होंने कहा, जब लोगों के पास खाने को न हो और बतौर नेता आप उनके कंधे पर खड़े होकर प्रधानमंत्री बन जाएं, मुझे इससे चैन नहीं पड़ता।

एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचीं स्मृति ईरानी से सवाल किया गया था कि पांच साल पहले 2014 में चुनाव हारने के बाद वे 2019 में कैसे जीत गईं। अपनी जीत का श्रेय 2014 के चुनाव में मिले तीन लाख से ज्यादा वोटों को देते हुए ईरानी ने कहा, 2014 में मुझे मिले वोट इसका संकेत थे कि लोगों को मदद की जरूरत है। मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी।

उन्होंने कहा, मैं वहां जीतने के लिए नहीं रुकी थी। उन्होंने कहा, मैं संभवत: इसलिए जीत गई क्योंकि पांच साल में कभी भी मैंने अमेठी के लोगों को अपना वोट बैंक नहीं समझा। मैं उनसे अपने साथी या परिवार के सदस्य के रूप में जुड़ी।

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