जम्मू-कश्मीर से 35ए हटाने के सवाल पर केंद्र को चिदंबरम की ‘चेतावनी’- न करें ऐसी हिमाकत

जम्मू-कश्मीर से 35ए हटाने के सवाल पर केंद्र को चिदंबरम की ‘चेतावनी’- न करें ऐसी हिमाकत

पी चिदंबरम

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35ए को लेकर चल रहे कयासों के दौर के बीच पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बयान दिया है। उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार को ‘कड़ी चेतावनी’ दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र ऐसी हिमाकत न करे।

चिदंबरम से पूछा गया था कि क्या अनुच्छेद 35ए को एक अध्यादेश से हटाया जा सकता है, इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वे संविधान को ढंग से नहीं समझ पा रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर एक अध्यादेश से कोई कानून बनाता है तो उसका यह मतलब नहीं कि उसको एक अध्यादेश से हटा सकते हैं।’ इसके बाद चिदंबरम ने कहा, ‘मैं चेतावनी देता हूं कि ऐसी हिमाकत न करें।’

क्या कहते हैं राज्यपाल?
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी इस पर टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा है कि वे अपने समर्थकों से शांत रहने और घाटी में ‘बढ़ा-चढ़ाकर फैलाई गईं अफवाहों’ पर विश्वास न करने के लिए कहें। राज्यपाल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि संवैधानिक प्रावधानों संबंधी किसी भी परिवर्तन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती के पीछे सुरक्षा संबंधी कारण बताए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि राज्यपाल ने उनकी पार्टी को आश्वासन दिया है कि अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द करने जैसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर केंद्र से संसद में आश्वासन चाहते हैं।

सोशल मीडिया में कई दावे
बता दें कि हाल में जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और फिर अमरनाथ यात्रियों एवं पर्यटकों को जल्द घाटी से लौट जाने के परामर्श के बाद सोशल मीडिया में कई कयास लगाए जाने लगे। विभिन्न पोस्ट्स में ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कश्मीर में आतंकवाद की जड़ पर प्रहार करने के लिए कोई बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। इसमें 35ए को रद्द करने के साथ ही जम्मू को अलग राज्य और कश्मीर व लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने जैसे दावे प्रमुखता से शामिल हैं।

पा​क में भी कयासों का बाजार गर्म
पाकिस्तान में भी यह विषय खूब सुर्खियों में है और कई अटकलें लगाई जा रही हैं। उसके कुछ सैन्य विशेषज्ञों ने यह भी दावा कर दिया कि एक बार फिर भारत-पाक के रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।

इस साल 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले के बाद देशभर में यह मांग जोरों से उठाई गई थी कि कश्मीर में शांति कायम करने के लिए मोदी सरकार अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए। मौजूदा हालात के मद्देनजर एक बार फिर सोशल मीडिया में इसके लिए आवाज बुलंद की जा रही है।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News