अनुच्छेद-370 पर एकजुट नहीं कांग्रेस, द्विवेदी ने केंद्र के फैसले को बताया ‘ऐतिहासिक गलती’ में सुधार

अनुच्छेद-370 पर एकजुट नहीं कांग्रेस, द्विवेदी ने केंद्र के फैसले को बताया ‘ऐतिहासिक गलती’ में सुधार

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले पर देशभर में खुशी की लहर है। वहीं, कांग्रेस के नेता इसका तीखा विरोध कर रहे हैं। गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को राज्यसभा में केंद्र को जमकर घेरा और इस फैसले को लेकर कड़ी आलोचना की। हालांकि अपनी पार्टी के रुख से कांग्रेस के ही कुछ नेता सहमत नहीं हैं।

Dakshin Bharat at Google News
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने सरकार के फैसले को ‘ऐतिहासिक गलती’ में सुधार करार देकर सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय संतोष की बात है कि स्वतंत्रता के समय की गई गलती को सुधारा गया है।

द्विवेदी ने क​हा कि यह बहुत पुराना मुद्दा है। स्वतंत्रता के बाद कई स्वतंत्रता सेनानी नहीं चाहते थे कि अनुच्छेद-370 रहे। मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद-370 का विरोध करते थे। द्विवेदी ने इसे व्यक्तिगत विचारों के अनुसार राष्ट्रीय संतोष की बात कहा है।

’21वीं सदी में अनुच्छेद-370 का औचित्य नहीं’
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा भी पार्टी लाइन से अलग हटकर बात करते दिखे। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि यह निर्णय देश की अखंडता और जम्मू-कश्मीर के हित में है। हुड्डा ने इसे निजी राय बताया।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद-370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। ऐसा सिर्फ देश की अखंता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है। हुड्डा ने इसके क्रियान्वयन में शांति और विश्वास के वातावरण को जरूरी बताते हुए कहा कि अब यह सरकार की जिम्मेदारी है।

‘जन्नत’ की आजादी पर भड़के गुलाम नबी आजाद
हालांकि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के अन्य सांसदों ने सरकार पर हमला बोलते हुए भारी बवाल मचाया। आजाद ने इस फैसले को ‘देश का सिर काटने वाला’ करार दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जनता को साथ लिए बिना सिर्फ सेना के बल पर दुश्मन से नहीं लड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़े रखने में लाखों लोग कुर्बान हुए और आतंकवाद का मुकाबला जनता, राजनीतिक दलों और सुरक्षा बलों ने किया है।

अनुच्छेद-370 पर लिए गए फैसले के बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। कांग्रेस नेताओं द्वारा विरोध करने के कारण बड़ी संख्या में यूजर्स ने कमेंट कर उनकी नीतियों पर सवाल दागे।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download