ओवैसी के ‘मुसलमान इस देश का हिस्सेदार’ बयान पर भाजपा नेता का पलटवार- ‘1947 में दे दी, मामला खत्म’

ओवैसी के ‘मुसलमान इस देश का हिस्सेदार’ बयान पर भाजपा नेता का पलटवार- ‘1947 में दे दी, मामला खत्म’

असदुद्दीन ओवैसी एवं भाजपा नेता माधव भंडारी

मुंबई/दक्षिण भारत। अपने विवादित बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले एआईएमआईएम प्रमुख एवं हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के ताजा बयान पर भाजपा नेता ने पलटवार किया है। बता दें कि शनिवार को ओवैसी ने कहा था कि मुसलमान देश के हिस्‍सेदार हैं, किराएदार नहीं। उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने निशाना साधा। वहीं, भाजपा नेता माधव भंडारी ने कहा कि किसी ने भी मुसलमानों को किराएदार नहीं कहा है।

भंडारी ने कहा कि यदि हिस्सेदारी की भाषा बोलेंगे तो वह 1947 में दी जा चुकी है, तो फिर मामला खत्म हो गया। भंडारी ने ओवैसी को नसीहत दी है कि वे सोच-समझकर बोलें। मुसलमानों को किसी ने किराएदार नहीं कहा। भाजपा नेता ने कहा, लेकिन यदि हिस्सेदारी की भाषा बोलेंगे तो वह 1947 में दी जा चुकी है। फिर तो मामला खत्म हो गया।

मोदीराज में सब सुरक्षित: नकवी
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी ओवैसी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए इस तरह के बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर बेतुकी बातें करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन सबसे किसी को भी फायदा नहीं होता। मोदी के पास 130 करोड़ लोगों का भरोसा है और सभी जानते हैं कि वे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरी तरह सुरक्षित हैं।

क्या कहा था ओवैसी ने?
बता दें कि ओवैसी ने अपने बयान में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अगर कोई यह समझ रहा है कि हिंदुस्‍तान के प्रधानमंत्री 300 सीटें जीत कर हिंदुस्‍तान पर मनमानी करेंगे तो यह नहीं हो सकेगा।

ओवैसी ने कहा था कि प्रधानमंत्री से हम संविधान का हवाला देकर कहना चाहते हैं कि ओवैसी आपसे लड़ेगा, मजलूमों के इंसाफ के लिए लड़ेगा। हिंदुस्तान को आबाद रखना है, हम हिंदुस्‍तान को आबाद रखेंगे। हम यहां पर बराबर के शहरी हैं, किराएदार नहीं हैं हिस्‍सेदार रहेंगे।

ओवैसी ने कहा था कि भाजपा के सत्ता में आने से देश के मुसलमानों को डरना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार संविधान से मिला है। अगर मोदी मंदिर में जा सकते हैं तो मुसलमान भी मस्जिद जा सकता है।

खूब हुई आलोचना
ओवैसी के इस बयान की काफी आलोचना भी हुई। साथ ही उन्हें सोशल मीडिया पर टैग करते हुए कई यूजर्स ने जवाब दिया कि इस देश में कोई भी किसी को अपने धर्म के प्रार्थनालयों में जाने से मना नहीं कर रहा। सिर्फ चर्चा में आने के लिए ऐसी बातें उछालना देश के सद्भाव के लिए ठीक नहीं है।

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