प. बंगाल: तृणमूल-सीपीएम को एक और झटका, 3 विधायक और कई पार्षद भाजपा में शामिल

प. बंगाल: तृणमूल-सीपीएम को एक और झटका, 3 विधायक और कई पार्षद भाजपा में शामिल

भाजपा में शामिल होते तृणमूल नेता.

कोलकाता/नई दिल्ली/दक्षिण भारत। लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम को तगड़ा नुकसान पहुंचाने के बाद भाजपा ने एक बार फिर इन दोनों पार्टियों को जोरदार झटका दिया है। एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के दो और सीपीएम के एक विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही करीब 50 पार्षद भी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं।

इन नेताओं ने दिल्ली आकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा में शामिल हुए विधायकों में तृणमूल के दिग्गज नेता रहे मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय भी शामिल हैं। मुकुल रॉय 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे। शुभ्रांशु प. बंगाल की बीजपुर सीट से विधायक हैं। उनके साथ ही विष्णुपुर से तृणमूल विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य और हेमताबाद से सीपीएम विधायक देवेंद्र रॉय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि जिस तरह सात चरणों में लोकसभा चुनाव हुए थे, उसी तरह सात चरणों में नेता भाजपा में शामिल होंगे। आज पहला चरण था।

हाल में आए लोकसभा चुनाव नतीजों में भाजपा ने प. बंगाल से 18 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा ने ऐसे कई इलाकों में भारी तादाद में वोट हासिल किए जहां तृणमूल मजबूत समझी जाती थी। भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद यह माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में यह तृणमूल कांग्रेस को जोरदार टक्कर दे सकती है।

हालांकि तृणमूल नेताओं द्वारा भाजपा का दामन थामने के बाद आशंका जताई जा रही है कि दोनों में टकराव बढ़ सकता है। चूंकि चुनाव के विभिन्न चरणों में भी हिंसा की अनेक घटनाएं हुई थीं। भाजपा प. बंगाल में अपना संगठन मजबूत करने पर जोर दे रही है। कभी ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले मुकुल रॉय के भाजपा में आने के बाद माना जा रहा था कि कुछ और नेता भी तृणमूल का साथ छोड़ सकते हैं।

अब लोकसभा चुनाव नतीजों में बड़ी ताकत बनकर उभरने के साथ ही तृणमूल नेताओं का भाजपा के प्रति आकर्षण बढ़ा है। मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय को तृणमूल ने हाल में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित किया था, जिसके बाद उन्होंने भी तृणमूल को अलविदा कह दिया।

काचरापारा नगरपालिका के 16 पार्षद भी भाजपा में शामिल हो गए। संख्या बदल जाने से यहां भाजपा का कब्जा हो गया है। दो और नगरपालिकाओं पर भी भाजपा का कब्जा होने के समाचार हैं। इन तीनों नगरपालिकाओं में करीब 50 पार्षद भाजपा में आ गए हैं।

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