राम मंदिर पर थरूर के बयान से मचा बवाल, अब दे रहे सफाई

राम मंदिर पर थरूर के बयान से मचा बवाल, अब दे रहे सफाई

शशि थरूर

नई दिल्ली। राम मंदिर मुद्दे पर एक बार फिर बहस तेज हो गई। अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राम मंदिर पर विवादास्पद बयान दे​ दिया, जिसके बाद भारी बवाल मचा। हालांकि थरूर ने ट्विटर पर सफाई भी दी और कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। शशि थरूर ने रविवार को चेन्नई में आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल में कहा कि कोई भी अच्छा हिंदू नहीं चाहेगा कि मस्जिद का ढांचा गिराकर राम मंदिर बने।

उनके इस बयान पर हिंदू संगठनों ने ऐतराज जताया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी थरूर के खिलाफ कमेंट्स की बाढ़ आ गई। यूजर्स ने कहा है कि हिंदू शब्द स्वयं ही हजारों साल पुरानी सभ्यता, संस्कृति और सहिष्णुता का पर्याय है। ऐसे में अच्छा हिंदू और बुरा हिंदू जैसे विभाजन अनुचित हैं। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने थरूर पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि थरूर के खिलाफ चार्जशीट है। और ऐसे शख्स के बयान पर क्या कह सकते हैं। इसके बाद उन्होंने थरूर के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।

सफाई में यह कहा: अब थरूर ने कहा है कि मंदिर मामले को लेकर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है। थरूर ने बताया, मैंने सिर्फ यह कहा था कि बहुत से हिंदू इसलिए वहां पर मंदिर चाहते हैं, क्योंकि वहां पर श्रीराम की जन्मभूमि है। लेकिन एक अच्छा हिंदू नहीं चाहेगा कि ऐसी जगह मंदिर बने जहां किसी और के धार्मिक स्थल को गिराया गया हो।

कांग्रेस का बचाव किया: थरूर अपनी पार्टी का बचाव करते दिखे। उन्होंने कहा, यह मेरा व्यक्तिगत बयान था। मैं अपनी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं, इसलिए मेरे बयान को पार्टी से न जोड़ें। .. हालांकि तब तक बात काफी बढ़ चुकी थी और अनेक लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मांग कर डाली कि अपने बयानों से हिंदू आस्थाओं पर सवाल उठाने वाले थरूर को पार्टी से निकाल देना चाहिए। यूजर्स ने कहा है कि राहुल गांधी स्वयं मंदिरों में जा रहे हैं। यह उनकी आस्था है जिसका सम्मान करना चाहिए, लेकिन थरूर को यह इजाजत नहीं है कि वे हिंदुओं का इस तरह वर्गीकरण करें।

पार्टी ने पल्ला झाड़ा: इस विवाद के बाद कांग्रेस ने भी बयान जारी किया। पार्टी के प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि थरूर का जो भी बयान है, वो निजी है। यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है। उन्होंने कहा, कांग्रेस का हमेशा से यह रुख रहा है और आज भी स्पष्ट तौर पर मानना है कि शीर्ष अदालत जो भी फैसला ले, उसे सभी को मानना चाहिए।

वहीं भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हन राव ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह वोटबैंक की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा ​कि राम मंदिर पर भाजपा उच्चतम न्यायालय में शीघ्र फैसला देखना चाहती है परंतु कांग्रेस देरी कराने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा है ​कि वे अपना रुख स्पष्ट करेंं।

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