गोवा में कांग्रेस को दिया दो विधायकों ने झटका, होंगे भाजपा में शामिल

गोवा में कांग्रेस को दिया दो विधायकों ने झटका, होंगे भाजपा में शामिल

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पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सेहत खराब होने के बाद राज्य में सरकार बनाने के मौके ढूंढ़ रही कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। उसके दो विधायक भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं। इस संबंध में एएनआई की एक रिपोर्ट कहती है कि सुभाष शिरोडकर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने बताया कि वे दयानंद सोप्ते के साथ भाजपा में शामिल होंगे।

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शिरोडकर ने यह दावा कर कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी कि अभी पार्टी से दो-तीन और विधायक भाजपा में आएंगे। कांग्रेस विधायक सोप्ते मंदरम विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आए थे। उन्होंने भाजपा के लक्ष्मीकांत पारसेकर को हराया था जो गोवा के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। शिरोडकर श्रीरोडा से विधायक हैं।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों विधायकों ने सोमवार रात को ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। बता दें कि शिरोडकर ने कांग्रेस को छोड़ने की मंशा के बारे में बयान दिया था। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि वे भाजपा में जाएंगे। उन्होंने कहा था कि आपको पता चल जाएगा, अगर मैं ऐसा करता हूं तो।

मंगलवार को दोनों विधायकों ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। उस बैठक में गोवा भाजपा के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर और मंत्री विश्वजीत राणे भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि उसके बाद दोनों विधायकों ने कांग्रेस छोड़ने का पक्का इरादा कर लिया।

गोवा के विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने कहा है कि उन्हें दो विधायकों दयानंद सोप्ते और सुभाष शिरोडकर का त्याग पत्र मिल गया है। उन्होंने पुष्टि की है कि वे ऐसा स्वेच्छा से कर रहे हैं और उन पर कोई दबाव नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने त्याग पत्र स्वीकार कर लिया है। इसके लिए तय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा और इसकी प्रतियां सदन के सभी सदस्यों, राज्यपाल और चुनाव आयोग को भेजी जाएंगी।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदन में भाजपा के 14, कांग्रेस के 14, एमजीपी के 3, गोवा फॉरवर्ड के 3, एनसीपी 1 और निर्दलीय 3 सदस्य हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर लंबे अरसे से अस्वस्थ हैं। उन्हें 14 अक्टूर को दिल्ली के एम्स से गोवा लाया गया है। इस बीच यहां सियासी हलचल बढ़ गई थी और कांग्रेस ने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की थी। कांग्रेस ने कहा था कि यह देखा जाना चाहिए कि विधानसभा में बहुमत किसके पास है। अब कांग्रेस के ही दो विधायकों के इस ऐलान के बाद उसकी चुनौतियां बढ़ गई हैं।

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