साल 2026 के आखिर तक पूरे देश में उपग्रह-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू की जाएगी: गडकरी

इससे 1,500 करोड़ रुपए मूल्य के ईंधन की बचत होगी

साल 2026 के आखिर तक पूरे देश में उपग्रह-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू की जाएगी: गडकरी

Photo: @NitinGadkariOfficial YouTube Channel

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उपग्रह-आधारित टोल संग्रह प्रणाली साल 2026 के आखिर तक पूरे देश में लागू हो जाएगी। इससे यात्रियों को टोल प्लाज़ा पर इंतजार करने की समस्या खत्म होगी और सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।

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प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि नई तकनीक उपग्रह और एआई आधारित होगी तथा यात्रियों को टोल प्लाज़ा पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इससे 1,500 करोड़ रुपए मूल्य के ईंधन की बचत होगी, सरकार के राजस्व में 6,000 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी और टोल प्लाज़ा पर प्रतीक्षा समय शून्य होगा।

उन्होंने सदन में कहा, 'मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोल एक बहुत अच्छी सुविधा है। पहले, हमें टोल पर पेमेंट करना पड़ता था, और इसमें 3 से 10 मिनट लगते थे। फिर, फास्टैग की वजह से, समय घटकर 60 सेकंड या उससे कम हो गया। हमारी इनकम में कम से कम 5,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। एमएलएफएफ आने के बाद अब कारें 80 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड से टोल पार कर सकती हैं। किसी को भी टोल पर रोका नहीं जाएगा।'

उन्होंने आगे कहा, 'हमारा मकसद इसे ज़ीरो मिनट तक लाना है। इसमें एआई और फास्टैग के साथ सैटेलाइट के ज़रिए नंबर प्लेट पहचान शामिल होगी।'

मंत्री ने कहा, 'साल 2026 तक, हम यह काम 100 प्रतिशत पूरा कर लेंगे। एक बार यह काम पूरा हो जाने के बाद ... 6,000 करोड़ रु. की और बढ़ोतरी होगी और टोल चोरी खत्म हो जाएगी। कोई दिक्कत नहीं होगी। लोगों को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा।'

उन्होंने कहा कि यह नई टेक्नोलॉजी निश्चित रूप से लोगों की मदद करेगी और यात्रा का समय भी ज़रूर कम होगा।

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