हमें विकसित बनना है तो हर क्षेत्र में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते रहना होगा: प्रधानमंत्री
पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत हुई
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का यह दिन बहुत ही ऐतिहासिक है। आज नया इतिहास रचने वाले मां भारती के दो महान रत्नों की जयंतियां हैं। भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न नानाजी देशमुख ... ये दोनों ही महान सपूत ग्रामीण भारत की आवाज थे। लोकतंत्र की क्रांति के अगुआ थे। किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक दिन, देश की आत्मनिर्भरता के लिए, किसानों के कल्याण के लिए दो महत्त्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत हो रही है। पहली, पीएम धन धान्य कृषि योजना और दूसरी, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन। ये दोनों योजनाएं भारत के करोड़ों किसानों का भाग्य बदलने का काम करेंगी। इन योजनाओं पर भारत सरकार करीब 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली है।प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का हिस्सा रही हैं। बहुत जरूरी होता है कि बदलते समय के साथ खेती-किसानी को सरकार का सहयोग मिलता रहे, लेकिन दुर्भाग्य से पहले की सरकारों ने खेती-किसानी को अपने हाल पर छोड़ दिया था। इसलिए भारत की कृषि व्यवस्था लगातार कमजोर होती जा रही थी। 21वीं सदी के भारत को तेज विकास के लिए अपनी कृषि व्यवस्था में भी सुधार करना जरूरी था और इसकी शुरुआत साल 2014 के बाद से हुई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत का कृषि निर्यात करीब-करीब दोगुना हो गया है। अनाज उत्पादन करीब-करीब 900 लाख मीट्रिक टन और बढ़ गया। फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बढ़ गया। आज दूध उत्पादन में भारत नंबर वन है। हमने किसानों के हित में बीज से लेकर बाज़ार तक सुधार किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें विकसित बनना है तो हर क्षेत्र में लगातार बेहतर करते ही रहना होगा, सुधार करते ही रहना होगा। इसी सोच का परिणाम है- पीएम धन धान्य कृषि योजना। इस योजना की प्रेरणा बनी है- आकांक्षी जिला योजना की सफलता। पहले की सरकारें देश के 100 से ज्यादा जिलों को पिछड़ा घोषित करके भूल गई थीं। हमने उन जिलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया और उनको आकांक्षी जिले घोषित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन भी शुरू हो रहा है। यह सिर्फ दाल उत्पादन बढ़ाने का मिशन नहीं, बल्कि हमारी भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने का भी अभियान है। बीते 11 वर्षों से सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि किसान सशक्त हो, खेती पर ज्यादा निवेश हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने 10 साल में खाद पर 5 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी थी। हमारी सरकार ने पिछले 10 साल में खाद पर 13 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की सब्सिडी दी है। कांग्रेस सरकार एक साल में खेती पर जितना खर्च करती थी, उतना तो भाजपा, एनडीए की सरकार एक बार में पीएम किसान सम्मान निधि के रुप में किसानों के बैंक खाते में जमा कर देती है। अब तक 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए सीधे पीएम किसान सम्मान निधि से आपके खातों में भेजे जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन पर बल दिया जा रहा है। इससे छोटे किसानों को, भूमिहीन परिवारों को ताकत मिली है। आज गांवों में नमो ड्रोन दीदियां खाद और कीटनाशक छिड़काव के आधुनिक तरीकों का नेतृत्व कर रही हैं। अभी जीएसटी में जो सुधार हुआ है, इसका भी सबसे ज्यादा फायदा गांवों के लोगों को, किसानों को, पशुपालकों को हुआ है।


