वस्तु का उपयोग विवेक से करें तो वह अमृत है: कमलमुनि कमलेश
'दुनिया में कोई भी वस्तु बिना उपयोग की नहीं है'
'मिठाई भी यदि अविवेक से काम ले तो जहर का काम करती है'
चेन्नई/दक्षिण भारत। यहां साहुकारपेट स्थित जैन भवन में राष्ट्रसंत कमलमुनिजी कमलेश ने बुधवार को कहा कि वस्तु बुरी अथवा अच्छी नहीं होती है, उसके उपयोग करने वाले पर निर्भर करता है वह उसका किस प्रकार उपयोग करता है।
मृत्यु का निमित्त मानने वाले जहर भी विवेक से काम ले तो दवाई का काम करता है, और जीवन में मिठास भरने वाली मिठाई भी यदि अविवेक से काम ले तो जहर का काम करती है। अपने उपयोग की लापरवाही और अज्ञान दशा को लेकर वस्तु को बुरी बताना सबसे बड़ी नादानी है।उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी वस्तु बिना उपयोग की नहीं है, बिना अच्छाइयों की नहीं है, दुर्भाग्य है वस्तु को बुरा बताकर उसकी अच्छाइयों से भी वंचित हो रहे हैं। दूसरों को भी भ्रमित और गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नजरिया बदलेंगे नजारे बदल जाएंगे, कश्ती बदलेगी तो किनारे बदल जाएंगे। दृष्टि दोष रहा तो परमात्मा भी बुरे नजर आएंगे और दृष्टि निर्मल बनी तो पापी भी परमात्मा नजर आएंगे। पीलिया ग्रस्त रोगी को सफेद वस्तु भी पीली नजर आएगी वस्तु का दोष नहीं दृष्टि का दोष है।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली शाखा मध्य प्रदेश राजस्थान पश्चिम बंगाल कोलकाता का प्रतिनिधि मंडल मार्गदर्शन के लिए सेवा में उपस्थित हुआ चातुर्मास समिति के चेयरमैन सुरेश लुणावत अध्यक्ष प्रकाश खिवेसरा की अध्यक्षता में तमिलनाडु जैन कॉन्फ्रेंस महिला शाखा की अध्यक्षता संगीता जैन ने वीरांगना सम्मान समारोह चातुर्मास में लेने का निर्णय लिया। जितेंद्र भंडारी, सज्जन राज सुराणा ने स्वागत किया।


