व्यक्ति सुखी व दुखी अपने मन की सकारात्मक और नकारात्मक सोच से होता है: डॉ. पुलकित कुमार
मुनि डॉ. पुलकित कुमारजी ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया

मुनिश्री ने नवकार मंत्र सवा लाख जाप करने की प्रेरणा दी
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के फ्रेजर टाउन टेनरी रोड स्थित मरुधर केसरी जैन स्थानक पहुंचे मुनि डॉ. पुलकित कुमारजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति सुखी व दुखी अपने मन की सकारात्मक और नकारात्मक सोच से होता है।
व्यक्ति के भीतर व्यावहारिक शिक्षा व आध्यात्मिक ज्ञान का होना आवश्यक है, इसी से जीवन सफल व आनंदमय बीतता है।मुनिश्री ने 'ज्ञानी सुखी-अज्ञानी दुखी’ इस विषय पर प्रवचन देते हुए कहा कि डिग्री युक्त ज्ञान अधूरा होता है। उसके साथ अनुभवी संस्कार युक्त ज्ञान से जीवन में निखार आता है।
मुनिश्री ने नवकार मंत्र सवा लाख जाप करने की प्रेरणा दी। मुनिश्री आदित्य कुमारजी ने गीत एवं वक्तव्य के माध्यम से अपने विचार रखे। हस्तीमल हिरण ने मुनिश्री का स्वागत करते हुए गीत प्रस्तुत किया।
मुनिश्री की प्रेरणा से फ्रेजर टाउन, जीवनहल्ली, गगनहल्ली के श्रावक समाज के अनेक परिवारों ने जाप का संकल्प लिया। अनेक युवा सदस्यों ने मुनिश्री की विहार सेवा का लाभ लिया।