मोक्ष प्राप्ति का सबसे सरलतम उपाय है तपस्या: मुनिश्री पुलकित कुमार
राजराजेश्वरीनगर में 20 तपस्वियों ने किए अक्षय तृतीया के पारणे

तपस्या आत्मशुद्धि का उत्तम उपाय है
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के राजराजेश्वरीनगर के जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में मुनि डाॅ. पुलकित कुमारजी एवं आदित्य कुमारजी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया वर्षीतप पारणा समाराेह का आयाेजन किया गया।
इस माैके पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं काे संबाेधित करते हुए मुनिश्री ने कहा कि प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने श्रम कराे, सुखी रहाे, सहन कराे, शांति से जियाे का सूत्र दिया था। वर्षीतप की आराधना जहां जैन धर्म की पहचान है, वहीं आज के मेडिकल साइंस के लिए अनुसंधान का विषय बन चुका है। तपस्या अमृत कहलाता है तथा स्वयं की ऊर्जा काे उध्वर्मुखी बनाने का प्रयत्न है।तपस्या से शरीर की शुद्धि ही नहीं बल्कि आत्मशुद्धि का उत्तम उपाय है। तपस्या की महिमा सभी धर्म ग्रंथाें में गाई गई हैं। माेक्ष प्राप्ति का सबसे सरलतम उपाय है तपस्या। देह रूपी मंदिर में तप रूपी भगवान की स्थापना करें, अशुभ कर्म बंधन से मुक्त हाेने का प्रयास करें, तभी अक्षय तृतीया मनाने की सार्थकता हाेगी।
नचिकेता मुनिश्री आदित्यकुमारजी ने तपस्या के साथ ध्यान के महत्व काे उजागर करते हुए विचार प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में कैलाश आश्रम महासंस्थान, राजराजेश्वरीनगर के आचार्य महामण्डलेश्वर जगद्गुरुश्री जयेन्द्रपुरी महास्वामीजी ने कहा कि श्री कृष्ण ने गीता में तप करके मन की चंचलता काे दूर करने का उपाय बताया है।
तपस्या से जैन लाेग जितेंद्रिय बनने का प्रयास करते हैं। सनातन हिंदू संस्कृति हाे या जैन संस्कृति, सभी में भगवान ऋषभ के तपस्यामय जीवन काे आदर के साथ स्वीकार किया गया है। तेरापंथ धर्मसंघ की कल्याण परिषद के संयाेजक कैलाशचन्द्र जैन ने कहा कि तपस्या के आध्यात्मिक पक्ष के साथ-साथ शारीरिक प्रतिक्रिया भी एक शाेध का विषय है। इस पर गहन शाेध जारी है एवं हम इस शाेध के निष्कर्ष के प्रति आशावान हैं।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुनिश्री द्वारा 'श्री ऋषभाय नमः’ जप द्वारा हुआ्। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राकेश छाजेड़ ने सभी का स्वागत करते हुए सभी तपस्वियाें की सुखसाता की पृच्छा करते हुए तपभावना की अनुमाेदना की।
महासभा से प्रकाश लाेढ़ा, पारमार्थिक शिक्षण संस्था के अध्यक्ष बजरंग जैन सहित विभिन्न केन्द्रीय एवं क्षेत्रीय तेरापंथी संस्थाओं, तेरापंथी सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, टीपीएफ, कन्यामंडल, किशाेर मंडल, ज्ञानशाला के बच्चाें आदि की उपस्थिति रही।
पूर्व अध्यक्ष कमलसिंह दुगड़, ट्रस्ट के अध्यक्ष मनाेज डागा, तेयुप के अध्यक्ष बिकास जैन,महिला मंडल की अध्यक्ष सुमन पटावरी की सक्रिय उपस्थिति थी। कार्यक्रम में दाे मुमुक्षु रिषिका समदड़िया, दक्षिता बच्छावत व अन्य जनाें ने भावाभिव्यक्ति दी।
इस आयाेजन में वर्षीतप के 20 तपस्वियाें ने मुनिश्री काे ईक्षुरस प्रदान कर अपने वर्षीतप काे संपन्न कर धन्यता का अनुभव किया। सभा द्वारा मुमुक्षुद्वय एवं तपस्वियाें का जैन पट्ट, अभिनन्दन पत्र एवं स्मृति चिह्न से सम्मान किया गया।
प्रायाेजक बाफना परिवार का सम्मान प्रतीक चिह्न देकर किया गया। कार्यक्रम के संयाेजक देवेन्द्र नाहटा एवं उनकी टीम ने व्यवस्था संभाली। सभी तपस्वियाें का परिचय सभा की उपाध्यक्ष सराेज बैद ने दिया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री गुलाब बाँठिया ने किया तथा काेषाध्यक्ष देवेन्द्र नाहटा ने धन्यवाद दिया।
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