राहुल गांधी ने भारत की संवैधानिक संस्था को बदनाम कर भारत का अपमान किया: एन. रवि कुमार
रवि कुमार ने कहा कि राहुल गांधी को यह सामान्य ज्ञान भी नहीं है कि क्या बोलना है, क्या नहीं बोलना है ..

एन रविकुमार, चीफ व्हिप विपक्ष, कर्नाटक विधान परिषद
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। “विदेशी धरती अमेरिका में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की आलोचना करके लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने न केवल भारत को बदनाम किया है, बल्कि संवैधानिक और राजनीतिक अनियमितता भी की है” विधान परिषद में विपक्ष के मुख्य सचेतक एन. रवि कुमार ने राहुल गांधी के वक्तव्य की भर्त्सना की है।
मंगलवार को यहां कड़े शब्दों वाले एक बयान में रवि कुमार ने कहा कि राहुल गांधी को यह सामान्य ज्ञान भी नहीं है कि क्या बोलना है, क्या नहीं बोलना है, कहां बोलना है और कहां नहीं बोलना है। रवि कुमार ने कहा, “उनमें बुनियादी शालीनता का अभाव है और यह भयावह है कि वे संसद के लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं।”पौराणिक कथाओं का उदाहरण देते हुए रवि कुमार ने कहा, "राहुल को महाभारत में धर्मराय के एक संस्कृत श्लोक का ज्ञान होना चाहिए - "वयं पंच अधिकं शतम्" - जिसका अर्थ है कि पांडवों और कौरवों के बीच हम पांच और 100 हैं, लेकिन दुश्मन (गंधर्वों) के सामने हम 105 हैं। इसके बाद युधिष्ठिर ने भीम और अर्जुन से दुर्योधन को छुड़ाने के लिए कहा, जिसे गंधर्वों ने बंदी बना लिया था।" "उन्हें (राहुल को) महाभारत की तरह पीछे नहीं जाना चाहिए। उन्हें आडवाणी की किताब से सीख लेनी चाहिए। वर्ष 1992 में आडवाणी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता (राहुल गांधी के वर्तमान पद) के रूप में अमेरिका का दौरा किया था। प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन के बारे में मीडिया के एक सवाल के जवाब में आडवाणी ने कहा था, "जब मैं विदेशी धरती पर हूं, तो मैं अपने देश की सरकार पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।" राजनेता आडवाणी की शालीनता और बुद्धिमान प्रतिक्रिया से लेकर राहुल की घिनौनी और अप्रिय बकवास तक, अफसोस, यह कैसी गिरावट है।
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