रामबन में बादल फटने के बाद राहत कार्यों के लिए सेना ने संभाला मोर्चा
लोगों को पहुंचाई मदद

एक शख्स ने कहा- 'सेना है न ... सब ठीक हो जाएगा'
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। रामबन जिले में बादल फटने और भारी वर्षा होने के बाद भारतीय सेना ने प्रभावित नागरिकों की मदद करने तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर संपर्क बहाल करने के लिए त्वरित और समन्वित राहत एवं बहाली अभियान शुरू किया है।
जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद, सेना ने जिला आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और यातायात अधीक्षक सहित नागरिक प्रशासन के अधिकारियों के साथ समन्वय में तत्काल कार्रवाई शुरू की। हालांकि कोई आपातकालीन मांग नहीं की गई। कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर सेना की मदद ली जाएगी।फंसे हुए यात्रियों को राहत देने के लिए बनिहाल, कराचियाल, डिगडौल, मैत्रा और चंद्रकोट से त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) को तेजी से तैनात किया गया। सेना के जवानों ने चाय और गर्म भोजन वितरित किया। उन्होंने अस्थायी आश्रय उपलब्ध कराकर तथा जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सेवा पहुंचाकर बहुत मदद की।
मदद के लिए आठ सैन्य टुकड़ियां प्रमुख स्थानों पर स्टैंडबाय पर हैं। इस बीच, केआरसीएल, सीपीपीएल और डीएमआर सहित असैन्य निर्माण कंपनियों के जेसीबी और भारी उपकरणों ने बाधित राजमार्ग पर सफाई कार्य शुरू कर दिया है।
शुरुआती आकलन के अनुसार, सड़क साफ करने और उसे बहाल करने में 48 घंटे तक का समय लग सकता है। चुनौतियों के बावजूद, लोगों की भावना अडिग बनी हुई है। वहां फंसे हुए एक शख्स से जब स्थिति के बारे में पूछा गया तो उसने आत्मविश्वास से जवाब दिया, 'कोई दिक्कत नहीं है। भारतीय सेना है न ... सब ठीक हो जाएगा।'
भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर के निवासियों के साथ खड़ी रहने तथा उनकी सुरक्षा, समर्थन और समय पर मदद सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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