बेंगलूरु: हनुमान सेवा समिति के 'हनुमान जन्मोत्सव' पर उमड़े श्रद्धालु
'छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना, कहते हैं लोग इसे राम का दीवाना'

सुंदरकांड का संगीतमय पाठ किया गया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। रविवार काे गाेड़वाड़ भवन में श्री हनुमान सेवा समिति द्वारा हनुमानजी के प्राकट्य दिवस पर हनुमान जन्माेत्सव का आयाेजन भव्यता से किया गया। इस अवसर पर सभागार के सुसज्जित हाॅल में केले के तने व ताजे फूलाें से प्रभु श्रीराम के दरबार के साथ हनुमानजी महाराज की सुंदर झांकी सजाई गई। ज्याेत प्रज्ज्वलन के बाद गायक हरिकिशन सारड़ा के नेतृत्व में सुंदरकांड का संगीतमय पाठ किया गया।
बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध हाेकर राम दरबार व हनुमानजी के दर्शन कर अपनी हाजरी लगाई। शाम काे 6 बजे सभा में स्थानीय भजन गायकाें ने गणेश वंदना के साथ भजन संध्या की शुरुआत की।बेंगलूरु के उभरते गायक कलाकार प्रभात करनानी ने जब 'बाबा एकर ताे म्हाने कालजियै लगा लीजै रे..., मेरे बजरंगबली सरकार, तू इतना न करियाे श्रृंगार... कीजाे केसरी के लाल, मेरा छाेटा सा यह काम.., मेरी झाेपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे, राम आएंगे.. आदि भजन गाए ताे पूरा सभागार हनुमान व राममय हाे गया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने नाच-गाकर इस नए कलाकार का
खूब उत्साहवर्धन किया।
तत्पश्चात काेलकाता से आएं सुप्रसिद्ध भजन गायक प्रकाश मिश्रा ने अपनी चिर परिचित शैली में जब अब स्वागत की करलाे तैयारी अवध में राम आए हैं, .श्रीराम की गली में तुम जाना, वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना... छम छम नाचे देखाे वीर हनुमाना, कहते हैं लाेग इसे राम का दीवाना..., एक बाबा श्याम है, दूजे हनुमान है..., मेरे सरकार आए हैं, सजा दाे घर काे
फूलाें से मेरे राम आए हैं..., पलकें ही पलकें बिछाएंगे, जिस दिन राम मेरे घर आएंगे...’ आदि भजन गाए ताे सभागार में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने नाचते हुए, झूमते हुए भजनाें का आनंद लिया।
रात करीब 10 बजे तक भजन गायकाें ने हनुमानजी के भजनाें के साथ खाटू श्यामजी व अन्य देवी-देवताओं के भजनाें की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर समिति के सदस्य मदन माहेश्वरी, रामेश्वरलाल भूतड़ा, एल.एन. डागा, प्रवीण रूंगटा, संदीप अग्रवाल, श्रीकांत पाराशर, सुशील टिबड़ेवाल, रेवंतमल झँवर, सुरेशकुमार जैन, ओमप्रकाश मंत्री, सज्जनराज शर्मा, विनय टिबड़ेवाल, पवन रूंगटा, प्रवीण रूंगटा, टी.सी.गाेयल, कमलेश डीडवानिया सहित सभी सदस्याें
का हनुमान जन्माेत्सव में विशेष सहयाेग रहा।
कार्यक्रम के दाैरान समिति के सदस्याें द्वारा सुन्दरकांड पाठ वाचक व दाेनाें भजन गायकाें का सम्मान किया गया। इस बीच गाेड़वाड़ भवन के प्रतिनिधि, समाजसेवी कुमार पाल सिसाेदिया के आगमन पर उनका भी अभिनंदन किया गया। भजनाें की समाप्ति के बाद महाआरती की गई। महाप्रसाद की उत्तम व्यवस्था थी। अंत में मदन माहेश्वरी ने सभी काे धन्यवाद दिया।