भगवान महावीर को हाशिए पर नहीं, बल्कि जीवन के मूल केंद्र में रखना चाहिए: आचार्यश्री विमलसागरसूरी

भगवान महावीर का जन्मकल्याणक मनाया गया

भगवान महावीर को हाशिए पर नहीं, बल्कि जीवन के मूल केंद्र में रखना चाहिए: आचार्यश्री विमलसागरसूरी

टाउन हाॅल से अहिंसा रैली निकाली गई

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के गांधीनगर स्थित फ्रीडम पार्क कुंडलपुर नगरी में स्थानीय जैन युवा संगठन के तत्वावधान में भगवान महावीर स्वामी का 2624वां जन्मकल्याणक धूमधाम से समाराेहपूर्वक मनाया गया।

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सबसे पहले टाउन हाॅल से अहिंसा रैली निकाली गई। अतिथियाें ने हरी झंडी दिखाकर भगवान महावीर के सिद्धांताें पर आधारित झांकियाें से बनी अहिंसा रैली काे रवाना किया। रैली समस्त जैन समाज के साथ टाउन हाॅल से एसपी राेड, नगरथपेट, एवेन्यू राेड, आदिनाथ जैन मंदिर चिकपेट, बीवीके अय्यंगार राेड, हाॅस्पिटल राेड, मैसूर बैंक सर्कल, शेषाद्रि राेड हाेते हुए कुंडलपुर नगरी (फ्रीडम पार्क) में धर्मसभा में परिवर्तित हाे गई्।

वरघाेड़े में प्रभु महावीर के सिद्धाताें पर आधारित नशा मुक्ति, अहिंसा प्रचार, जीवदया, जिनशासन प्रचार, मानवसेवा आदि विषयाें पर अनेक सभा संस्थाओं ने अनेक झांकियां निकाली तथा अहिंसा का प्रचार किया। वरघाेड़े में बड़ी संख्या में पुरुष व महिला श्रद्धालु उपस्थित थे।

साधु-साध्वियों का रहा सान्निध्य

फ्रीडम पार्क में आयाेजित धर्मसभा का शुभारंभ बेंगलूरु में विराजित आचार्यश्री विमलसागरसूरीजी, उपप्रवर्तकश्री पंकजमुनिजी, पन्यासश्री गुणहंसविजयजी, विमलपुण्यविजयजी, आलेखमुनिजी, मलयप्रभसागरजी, उपप्रवर्तिनी सत्यप्रभाजी, कंचनकंवरजी, पावनप्रभाजी, संयमलताजी, परमसाैम्याश्रीजी, सुप्रभाश्रीजी, समणी डाॅ. सुयशनिधिजी,डाॅ. सुग़मनिधिजी एवं  डाॅ. सुयाेगनिधिजी आदि साधु-साध्वियाें के मंगलाचरण से हुआ। 

संगठन के सभी पदाधिकारियाें ने पूरे विधिविधान के साथ जैन ध्वज का ध्वजाराेहण किया। ध्वजाराेहण के बाद जेवाईएस के गीत व कन्नड़ नाड़ गीत का गान कर जैन धर्म के जयघाेष किए गए। इस माैके पर कार्यक्रम स्थल पर विराजित भगवान महावीर की मंगल मूर्ति का सदस्याें ने जलाभिषेक कर आकर्षक श्रृंगार किया।

इस समाराेह में अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद लहरसिंह सिराेया, बेंगलूरु सेन्ट्रल के सांसद पीसी माेहन, कर्नाटक के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव, पूर्व महापाैर गाैतम मकाना, चिकपेट आदिनाथ जैन संघ के अध्यक्ष गाैतम साेलंकी, जैन काॅन्फ्रेंस के कर्नाटक प्रांतीय अध्यक्ष प्रकाश बुरड़ सहित वर्धमान प्रसादी के लाभार्थी वैष्णाेदेवी समूह के मनाेहरलाल, विमल-मधु कटारिया परिवारजन मंचासीन थे। 

संगठन के अध्यक्ष महावीर मुणाेत, मंत्री नीरज कटारिया, उपाध्यक्ष मुकेश सुराणा, सहमंत्री सुश्रुत चेलावत, काेषाध्यक्ष संताेष डूंगरवाल ने अतिथियाें के साथ मिलकर दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

धर्मप्रचार में सोशल मीडिया का अहम योगदान: मलयप्रभ सागर

महावीर जन्मकल्याणक समाराेह में सान्निध्य प्रदान करने आए मलयप्रभसागरजी ने कहा कि जैन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जाे भगवान बनने की प्रेरणा देता है। महावीर के दर्शन में व्यवहार का ज्ञान, निश्चय की पकड़, विज्ञान के तत्व है। उन्हाेंने धर्म प्रचार प्रसार के लिए साेशल मीडिया के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए राजनीति में जैन समाज की भागीदारी बढ़ाने पर जाेर दिया। उन्हाेंने कहा कि आज के इस युग में हमें 'आइए जैन धर्म काे फिर से महान बनाएं’ (मेक जैनिज्म ग्रेट अगेन) के सिद्धांत पर कार्य करना चाहिए। 

आचार्यश्री विमलसागरसूरीश्वरजी ने कहा कि हमें महावीर के सिद्धांताें काे अपनाना चाहिए्। उन्हाेंने जैन सिद्धांताें से हट कर हाे रहे समाराेह पर दुख जताते हुए कहा कि आज प्रभु महावीर हमारे हैं पर हम महावीर के नहीं हैं। उन्हाेंने कहा कि हमें भगवान महावीर काे हाशिए पर नहीं, अपितु किसी भी कार्यक्रम व जीवन के मूलकेन्द्र में रखना चाहिए। 

महावीर का धर्म किसी काे दुख दर्द देने वाला नहीं अपितु हमेशा देने वाला, समर्पण, मानवता, प्रेम, आस्था सिखाता है। उन्हाेंने कहा कि हमें डुप्लीकेट जैन नहीं, असली जैन बनना है। जैन काे आराधना अर्थात् पूजा व क्रिया, प्रभावना अर्थात् धर्म प्रचारप्रसार और रक्षा अर्थात् धर्म की रक्षा करनी चाहिए। संतश्री पंकजमुनिजी ने कहा कि प्रभु का हर कल्याणक मानव के लिए कल्याणकारी व मंगलकारी है। हमें प्रभु महावीर के प्रवचन काे अपने दिल में बैठाना है।

साध्वीश्री परमसाैम्याजी ने कहा कि हमें भगवान महावीर के सिद्धांताें काे अपनाना चाहिए तथा इन कान से उस कान तक, चेहरे पर मुस्कान काे अपनाना चाहिए। साध्वी पावनप्रभाजी ने कहा कि जाे स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है वह हाेता है महावीर। उनका सिद्धांत हर युग में उपयाेगी है। प्रभु महावीर जरूर पुराने हाे गए पर उनके सिद्धांत पुराने नहीं हैं। साध्वीश्री संयमलताजी ने कहा कि प्रभु महावीर के जीवन से हमें यह शिक्षा लेनी चाहिए कि कभी भी उपकारी के उपकार काे नहीं भूलना चाहिए और दूसरा किसी पर काेई उपकार कराे ताे कभी याद मत रखाे।

प्रभु महावीर जैन धर्म के युगपुरुष: दिनेश गुंडूराव

सबसे पहले जैन युवा संगठन के अध्यक्ष अध्यक्ष महावीर मुणाेत ने सभी उपस्थित साधु साध्वियाें, श्रावक, श्राविकाओं का स्वागत करते हुए सभी काे महावीर जन्मकल्याणक की शुभकामनाएं दी। तत्पश्चात संगठन के मंत्री नीरज कटारिया ने संगठन के कार्याें की विस्तार से जानकारी दी तथा कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। 

कटारिया ने संगठन के स्थापना से लेकर आज तक के कार्याें की जानकारी दी। सांसद पीसी माेहन ने कहा कि हजाराें वर्ष बाद भी आज भी प्रभु महावीर के सिद्धांत प्रासंगिक है। महात्मा गांधी ने भी प्रभु महावीर के अहिंसा के सिद्धांत अपनाकर देश काे स्वंतत्रता दिलवाई। विधायक दिनेश गुंडूराव ने सभी काे शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे देश में अनेक धर्म हैं। प्रभु महावीर जैन धर्म के युग पुरुष हैं। हमें महापुरुषाें के गुणाें का अनुसरण करना चाहिए, यदि हम महापुरुषाें
 के गुणाें का एक प्रतिशत भी आत्मसात कर लें ताे हमारे जीवन का कल्याण हाे जाएगा। 

सांसद लहरसिंह सिराेया ने कहा कि हमारे देश में अनेकता में एकता है। हमें सभी धर्माें का समान आदर करना चाहिए्। आज के माहाैल में भी प्रभु महावीर के सिद्धांताें पर चल कर ही विश्व का कल्याण हाे सकता है ।

अतिथियों सहित वर्धमान प्रसादी के लाभार्थी का हुआ सम्मान

कार्यक्रम में दाैरान सभी अतिथियाें व राजनेताओं का संगठन के पदाधिकारियाें ने वर्धमान प्रसादी के लाभार्थी मनाेहरलाल, जनककुमार याेगेशकुमार विमलकुमार कटारिया परिवार का सम्मान किया। इसके साथ ही सभी राजनेताओं, अतिथियाें व अन्य विशेष लाभार्थियाें का भी सम्मान संगठन के सदस्याें द्वारा किया गया। सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश धाेका ने ट्रस्ट के कार्याें की जानकारी देते हुए ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही जीवन संजीवनी, जीवन शिक्षा व जीवन सुरक्षा याेजनाओं की  जानकारी दी।

इस माैके पर सेवा ट्रस्ट की विभिन्न याेजनाओं में सहयाेगी के रूप में जुड़े लक्ष्मीचन्द डाॅ अरिहंत भंडारी परिवार, हनुमानमल संजयकुमार बैद, हस्तीमल संजय सुजीत सिसाेदिया, उमादेवी बाबूलाल भंसाली, महेन्द्र हंसराज मुणाेत, नरेन्द्र आच्छा परिवार का भी सम्मान किया गया। वर्धमान प्रसादी के लाभार्थी विमल कटारिया ने कहा कि जैन युवा संगठन कार्यकर्ता निर्माण की फैक्ट्री है। उन्हाेंने संताें के प्रवचनाें की सराहना करते हुए बुधवार काे दिल्ली में हुए जीताे नवकार महामंत्र के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के आचरण व संबाेधन काे सराहा। चिकपेट संघ के अध्यक्ष गाैतम साेलंकी ने साधर्मिकाें के सहयाेग करने बात काे कहा। जैन काॅन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष प्रकाश बुरड़ ने जैन एकता की हिमायत करते हुए संगठन के जैन एकता के प्रयास काे उनकी दूरदर्शिता का परिणाम बताया। बुरड़ ने कहा कि हम सबसे पहले जैन है और जैन ही हमारी पहचान है।

स्टालों पर उमड़ी भीड़

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पुरुष व महिला श्रद्धालु शामिल हुए्। सुश्रुत चेलावत व अभिषेक कावड़िया ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम के अंत में सहमंत्री सुश्रुत चेलावत ने धन्यवाद दिया। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी फ्रीडम पार्क में आयाेजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न सभा संस्थाओं ने अनेक मानवसेवी कार्याें, स्वास्थ्य, शिक्षा, साहित्य, सहयाेग, रक्तदान, विभिन्न जांच, गाैसेवा संबंधी सेवाओं के स्टाल लगाए तथा खाद्य व पेय सामग्री वितरण स्टाल पर सेवाएं प्रदान की।

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