'अयोध्या नगरी' में प्रभु केसरिया आदिनाथ के जन्म महोत्सव पर मनाया गया उत्सव
शंकरपुरम के जैन मंदिर में प्रभु जन्म के विधान में उमड़े श्रद्धालु

विभिन्न लाभार्थियों का किया गया सम्मान
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के आदिनाथ जैन श्वेताबर मूर्तिपूजक ट्रस्ट, शंकरपुरम द्वारा शंकरपुरम में निर्मित केसरिया आदिनाथजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं प्राचीन श्री आदिनाथ प्रतिमा के प्रतिष्ठा महाेत्सव के चाैथे दिन आचार्यश्री रत्नाकरसूरीश्वरजी व श्रुताेपासकश्री रत्नसंचयसूरीश्वरजी के सान्निध्य में भव्य जन्मकल्याणक महाेत्सव मनाया गया।
बुधवार काे संताें के सान्निध्य में प्रभु केसरिया आदिनाथ भगवान के जन्म कल्याणक की अद्भुत क्रियाएं एवं विधि-विधान संपन्न हुए। प्रभु के जन्म की शुभ वेला में मंदिर प्रांगण में मंत्राेच्चारण, मंगलध्वनि और जैनम जयति शासनम् के जयकाराें से गूंज रही।प्रभु जन्म महाेत्सव की अनुपम छटा सभी श्रद्धालुओं के हृदय काे भाव-विभाेर कर गई । सुबह 9:30 बजे से प्रभु जन्म कल्याणक की उच्चारणी, 56 दिक्ककुमारियाँ, इन्द्र-इन्द्राणी महाेत्सव सहित मंचीय कार्यक्रम हुए तथा अयाेध्या नगरी तक रथयात्रा निकाली गई। मेरु पर्वत पर 108 इन्द्र-इन्द्राणियाें द्वारा विशेष अभिषेक एवं 18 अभिषेक, ध्वज-दंड-कलश विधान आयाेजित किए गए्। स्टेज प्राेग्राम में माता मरुदेवी द्वारा 14 स्वप्न दर्शन, प्रभु का जन्म, इन्द्र-इन्द्राणी द्वारा जन्माभिषेक, देवलाेक से देवताओं का आगमन, मंगल गीत एवं नृत्य, रजत रथ में प्रभु की सवारी का अनुपम दृश्य बहुत ही मनाेहारी था।
जन्म कल्याणक की रजत रथयात्रा, बालिकाओं द्वारा स्वागत, नृत्य, भजन आदि कार्यक्रम श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने। अयाेध्या नगरी में प्रभु के आगमन पर चाराें ओर 'आओ दादा, पधाराे दादा’ की गूंज वातावरण काे आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण कर रही थी।
देव लाेक, इन्द्र-इन्द्राणी सहित अयाेध्या नगरी में जन्म महाेत्सव का उत्सव मनाया गया। दाेपहर में प्रतिमा भरण करने वाले लाभार्थी परिवाराें द्वारा 18 अभिषेक, झंडा, ध्वज, कलश सहित प्रभु की पूजा अर्चना की गई। सुबह के नाश्ते के लाभार्थी मिश्रीबाई हेमराज पावेछा परिवार तथा सुबह व शाम की नवकारसी के लाभार्थियाें का संघ द्वारा सम्मान किया गया।
भक्ति संध्या में गायक राजीव विजयवर्गीय द्वारा भजनाें की प्रस्तुति दी गई। इस माैके पर जीताे अपेक्स के चेयरमैन पृथ्वीराज काेठारी ने शिरकत की तथा उन्हाेंने 9 अप्रैल काे हाेने वाले अंतरराष्ट्रीय नवकार मंत्र दिवस में सभी काे भाग लेने का आह्वान किया। उन्हाेंने प्रतिष्ठा महाेत्सव के आयाेजन की सराहना की। इस माैके पर बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रद्धालु उपस्थित थे।