कर्नाटक: कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गारंटी योजना पैनल का प्रमुख बनाए जाने पर विपक्ष ने किया विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही बाधित हुई

Photo: BJP4Karnataka FB Page
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। सरकार की पांच गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करने वाली समितियों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के खिलाफ विपक्षी भाजपा और जद (एस) विधायकों के विरोध प्रदर्शन से बुधवार को लगातार दूसरे दिन कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही बाधित हुई।
सरकार पर गारंटी योजनाओं की देखरेख के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के रूप में समानांतर समितियों का गठन करके विधायकों की शक्तियों में कटौती करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने तर्क दिया कि राज्य के खजाने से धन का उपयोग पार्टी कार्यकर्ताओं को मानदेय देने के लिए नहीं किया जा सकता है।मंगलवार को सदन के वेल से विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई, जिसमें मांग की गई कि सरकार इन सभी समितियों को भंग कर दे। विपक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि अगर निगरानी जरूरी है तो समितियों का नेतृत्व विधायकों को करना चाहिए, न कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को, जबकि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आश्वासन दिया था कि कैबिनेट इस मामले पर विचार करेगी।
कर्नाटक भाजपा ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'कांग्रेस सरकार द्वारा तालुका, जिला एवं राज्य स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने तथा अवैध गारंटी क्रियान्वयन के नाम पर जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग करने की असंवैधानिक कार्रवाई के मद्देनजर भाजपा एवं जद (एस) की समिति ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येडीयुरप्पा, विपक्ष के नेता आर अशोक, विधान परिषद के विपक्ष के नेता चालावाड़ी नारायणस्वामी, जद (एस) विधायक दल के नेता सुरेश बाबू, भोजेगौड़ा, भाजपा और जद (एस) विधायक, विधान परिषद सदस्य मौजूद थे।