दीक्षार्थी संतोष कुमारी कर्नावट बनीं साध्वीश्री अक्षतनिधिश्री
नरेश मुनि के सान्निध्य में मुमुक्षु की जैन भागवती दीक्षा संपन्न

संयम स्वीकार करना वीराें का मार्ग है
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। स्थानीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ विल्सनगार्डन के तत्वावधान में उपप्रवर्तक नरेशमुनिजी के सान्निध्य में मुमुक्षु संताेषकुमारी कर्नावट की जैन भागवती दीक्षा संपन्न हुई। सुबह वृहद थाल का आयाेजन हुआ। तत्पश्चात मुमुक्षु संताेषकुमारी की अभिनिष्क्रमण यात्रा संयम स्वीकार करने हेतु गणेशबाग के प्रांगण में पहुंची।
विल्सन गार्डन के चेयरमैन मीठालाल मकाणा, अध्यक्ष नेमीचंद भंसाली, मंत्री सज्जन बाेहरा, काेषाध्यक्ष उत्तमचंद पिछाेलिया, संयाेजक माणकचंद बाेहरा आदि पदाधिकारियाें, राजुल महिला मंडल, विल्सनगार्डन जैन युवा संगठन, प्रेरणा बहू मंडल ने मुुक्षु की अगवानी की।संयम महाेत्सव में उपप्रवर्तक नरेशमुनिजी ने कहा कि तीर्थंकर भगवान महावीर द्वारा प्ररूपित 5 महाव्रताें का पालन करने वाले साधक संयम साधना द्वारा संसार सागर से पार हाे जाते हैं, संसार के जन्म मरण के परिभ्रण से सदा सदा के लिए मुक्ति प्राप्त कर लेते हैं।
संतश्री वीरेंद्रमुनिजी ने कहा कि संसार में चक्रवर्ती की रिद्धि मिलना भी आसान है लेकिन संयम मिलना अत्यंत दुर्लभ है। युवावस्था में मुमुक्षु ने संयम स्वीकार कर समग्र युवा जगत के लिए आदर्श प्रस्तुत किया है।
शालिभद्रमुनिजी ने कहा कि संयम स्वीकार करना काेई साधारण लाेगाें का काम नहीं है, यह वीराें का मार्ग है।
मुमुक्षु संताेषकुमारी ने कहा कि सांसारिक भाेगाेपभाेग सुख के आभास मात्र हैं, इनके पीछे दुख छुपा हुआ है। मैं संयम साधना द्वारा संसार के समस्त बंधनाें से मुक्त हाेकर शाश्वत एवं अनंत सुख प्राप्त करने हेतु दीक्षा स्वीकार कर रही हूं।
उपप्रवर्तिनी सुधाकंवरश्रीजी, उपप्रवर्तिनी डाॅ. दर्शनप्रभाश्रीजी, डाॅ. प्रतिभाश्रीजी, साध्वी आगमश्रीजी ने अपने विचार व्यक्त किए। इस माैके पर अनेक संताें व वरिष्ठ पदाधिकारियाें के शुभकामना पत्राें का वाचन हुआ।
दीक्षा विधि के पश्चात उपप्रवर्तक नरेशमुनि ने दीक्षा विधि संपन्न कराई और दीक्षा प्रदान कर उनका नवीन नामकरण साध्वी अक्षतनिधिश्री के नाम की घाेषणा की। मुमुक्षु की बड़ी दीक्षा 19 फरवरी काे अक्कीपेट जैन संघ में हाेगी। नरेशमुनिजी ने हाेली चातुर्मास सेलम एवं अक्षय तृतीया पारणे काेयंबत्तूर संघ में करने की घाेषणा की।
समाराेह में बसंतमुनिजी, सुप्रभाश्रीजी, पुनीतज्याेतिश्रीजी आदि साध्विगण की भी निश्रा प्राप्त हुई। इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में बेंगलूरु सेंट्रल के पुलिस महानिदेशक लाभूराम का सम्मान किया गया।
गंगावती एवं इचलकरंजी संघ के सदस्याें ने उपप्रवर्तक नरेशमुनिजी से चार्तुास के लिए निवेदन किया। समाराेह में मुमुक्षु के धर्म माता-पिता उगमादेवी-मीठालाल मकाणा, पाट बिठाई के लाभार्थी प्रकाशचंद दीपक अमित बेताला, केसर छंटाई रस्म के लाभार्थी देवीचंद शांतिलाल अशाेक बाेहरा परिवार, मेहंदी रस्म के लाभार्थी गुरु ज्येष्ठ पुष्कर जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, मुुक्षु शाेभायात्रा लाभार्थी बाबूलाल जितेंद्रकुमार धाेका परिवार, जय जिनेंद्र लाभार्थी मीठालाल ज्ञानेंद्रकुमार कमलेश मकाणा परिवार एवं समस्त सहयाेगियाें का आभार व्यक्त किया गया।
इस माैके पर गणेशबाग के अध्यक्ष लालचंद मांडाेत, उपाध्यक्ष संपतराज काेठारी, काेषाध्यक्ष सुदर्शन मांडाेत, गुरु ज्येष्ठ पुष्कर जैन चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष नेीचंद सालेचा, मंत्री महावीरचंद मेहता, बाबूलाल रांका, महेन्द्रकुमार रांका, रतनलाल सिंघी आदि उपस्थित थे।
संचालन गाैतमचंद ओस्तवाल ने किया। प्रचार प्रसार संयाेजक प्रकाशचंद बाफना ने बताया कि इस समाराेह में बेंगलूरु सहित चेन्नई, रायचूर बेलगावी, मैसूरु आदि अनेक नगराें से भारी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए।