महिलाओं की सुरक्षा पर उठते सवाल

भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है

महिलाओं की सुरक्षा पर उठते सवाल

Photo: PixaBay

.. नृपेंद्र अभिषेक नृप ..

Dakshin Bharat at Google News
आज जब लड़कियां ज्ञान की रोशनी पा कर तमाम पर्दों को चीरती हुई आसमां को छूने के लिए निकल पड़ी हैं तो फिर उन पर बलात्कार जैसे धारदार हथियार से सिर्फ़ हमला ही नहीं किया जा रहा बल्कि उसकी हत्या तक की जा रही है| कैसा है यह हमारा समाज और कानून जहां ऐसा कोई दिन नहीं होता जब किसी लड़की, बच्ची के साथ कोई जघन्य बलात्कार और हत्या की घटना न होती हो| महिलाओं के सशक्तिकरण में उनके खिलाफ हो रही हिंसा उनके सामने रुकावट का पत्थर बन कर खड़ा है|  हाल-फिलहाल की रेप की घटनाओं पर गौर करें तो एक बात नई दिख रही है वो यह कि अभी जो भी रेप की घटनाएं हो रहीं हैं, उनमें से अत्यधिक में साक्ष्य मिटाने के लिए लड़की को मार दिया जा रहा है या उसके साथ बर्बरता की जा रही है जो कि अपराध को और जघन्य बना रहा है और यह सब निर्भया कांड के बाद से ही ज्यादातर दिख रहा है| इसका कारण कानून में हुए बदलाव को कहा जा सकता है, क्योंकि यह रेपिस्ट खुद को बचाने और सबूत मिटाने के लिए कर रहे हैं| तो क्या कठोर कानून मात्र से रेप की घटना को नियंत्रित नही किया जा सका है क्योंकि रेप के बाद अब हत्या भी होने लगी है| बड़ा प्रश्न यह है कि फिर इस समस्या का समाधान क्या हो सकता है?

हाल फ़िलहाल में देश मे कोलकाता, बिहार, उत्तराखंड में जघन्य अपराध हो चुके है जो सब दर्दनाक है| कोलकाता और मुजफ्फरपुर के घटनाओं को तो शब्दों का रूप देने में रूह कांप जा रहा है| भारत में महिलाओं के साथ बढ़ते रेप के मामलों को लेकर समाज में गहरी चिंता व्याप्त है| रेप जैसी घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं| हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, फिर भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है|

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है| वर्ष 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में कुल 31,677 रेप के मामले दर्ज किए गए, जो प्रति दिन औसतन 86 मामले होते हैं| यह संख्या चिंताजनक है, क्योंकि यह दिखाता है कि कानून और सुरक्षा उपायों के बावजूद महिलाएं असुरक्षित हैं| कुछ राज्यों में स्थिति और भी भयावह है| उदाहरण के लिए, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रेप के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं| इन राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति और भी गंभीर है|  महिलाओं के खिलाफ रेप जैसी घटनाओं के बढ़ने के कई कारणों को देखा जा सकता है| जैसे कि आज भी भारतीय समाज में महिलाओं को लेकर पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण गहराई से जड़ें जमाए हुए है| महिलाओं को कमजोर और पुरुषों से कमतर समझा जाता है, जिसके कारण उनके खिलाफ हिंसा की घटनाएं होती हैं|

देश की कमजोर कानूनी व्यवस्था ने भी उसमें आग में घी का काम किया है| भारत में रेप के खिलाफ कड़े कानून मौजूद हैं, लेकिन इन कानूनों का प्रभावी रूप से लागू न हो पाना एक बड़ा कारण है| कई मामलों में अपराधियों को सजा मिलने में देरी होती है, जिससे महिलाओं के प्रति हिंसा करने वालों के हौसले बुलंद हो जाते हैं| अपराधियों को कानून का भय नहीं है जिसके कारण क्राइम करने में हिचक नहीं रहे हैं| कुछ हद तक इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक कारक भी जिम्मेदार है| समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर एक प्रकार की चुप्पी बनी रहती है| पीड़िताओं को अक्सर शर्म और समाज के डर से अपनी आवाज उठाने में संकोच होता है, जिसके चलते कई मामलों में रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पाती|

अब जबकि यह अपराध समाज को बर्बाद कर दिया है और इसने लड़कियों के जीवन पर ही ब्रेक लगा दिया है तो शक्ति के साथ इससे निपटने का उपाय करना होगा| इसके लिए कुछ कठोर कदम उठाने की जरूरत है| कानूनों को और अधिक सख्त बनाया जाना चाहिए और उन्हें सख्ती से लागू किया जाना चाहिए| रेप के मामलों में तेजी से न्याय सुनिश्चित करने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाना चाहिए| केसों के निपटान का एक एक तय समय सीमा निर्धारित किया जाए| इसका सुधार सामाजिक स्तर पर भी करने की जरूरत है| जिसकी शुरुआत हमारे घर से हो| समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना विकसित करने के लिए जागरूकता अभियानों की जरूरत है| स्कूलों और कॉलेजों में लिंग समानता पर विशेष कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए| एक मुहिम अगर चले जिसमें देश के हर पैरेंट्स उसमें महिलायें ही आगे आये जैसे कि हर बहन अपने भाई जो, मां अपने बेटों को और बीबी अपने पति को इसके लिए मानसिक रूप से उन्हें समझाए कि आपके भी घर मे महिलाएं है तो आप अगर उनका सम्मान करोगी तो ही इससे निजात मिलेगी| क्योंकि जो लोग ये अपराध करते है उनके भी घर में महिलाएं है| उन्हें घर से बेदखल और सामाजिक बहिष्कार जैसे सज़ा का भी भय देना होगा|

सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने, महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सेवाओं को और मजबूत करने, और पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ाने जैसे कदम उठाए जाने चाहिए| साथ ही महिलाओं की शिक्षा और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में काम किया जाना चाहिए| जब महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी, तो वे अपने अधिकारों के लिए मजबूती से खड़ी हो सकेंगी| इसके अतिरिक्त जो घटना हो चुकी है उसके लिए महिलाओं को फिर से नई जिंदगी देने के लिए भी मुहिम चलाने की जरूरत है| रेप की शिकार महिलाओं को मानसिक और भावनात्मक सहायता देने के लिए काउंसलिंग सेवाओं का प्रावधान किया जाना चाहिए| इससे वे अपने अनुभवों से उबरकर जीवन में आगे बढ़ सकेंगी| महिलाओं के साथ हो रहे रेप के मामलों की बढ़ती संख्या भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है| इसके समाधान के लिए कानून, समाज और सरकार को मिलकर काम करना होगा| कानूनों को सख्ती से लागू करना, समाज में जागरूकता फैलाना, और महिलाओं को सशक्त बनाना इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदम हैं| यदि हम इन मुद्दों पर गंभीरता से काम करते हैं, तो निश्चित रूप से एक ऐसा समाज बनाया जा सकता है जहां महिलाएं सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें|

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download