रेलवे लाइनों का दोहरीकरण पहले की सरकारों की प्राथमिकता में ही नहीं था: मोदी

प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया

रेलवे लाइनों का दोहरीकरण पहले की सरकारों की प्राथमिकता में ही नहीं था: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों का नेटवर्क अब देश के 250 से अधिक जिलों तक पहुंच चुका है

अहमदाबाद/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए हो रहे नवनिर्माण का लगातार विस्तार हो रहा है। देश के कोने-कोने में परियोजनाओं का लोकार्पण हो रहा है, नई योजनाएं शुरू हो रही हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर मैं साल 2024 की ही बात करूं तो इन करीब 75 दिनों में 11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो चुका है। अकेले पिछले 10-12 दिन में ही 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी विकसित भारत की दिशा में देश ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। इस कार्यक्रम में आज यहां 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है। इनमें से 85 हजार करोड़ रुपए से अधिक के रेलवे प्रोजेक्ट्स आज देश को मिले हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक युवा देश है। यहां बहुत बड़ी संख्या में युवा रहते हैं। मैं खासतौर से मेरे युवा साथियों से कहना चाहता हूं कि आज जो लोकार्पण हुआ है, वह आपके वर्तमान के लिए है, और आज जो शिलान्यास हुआ है, वह आपके उज्ज्वल भविष्य की गारंटी लेकर आया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात और महाराष्ट्र में एकता मॉल्स का उद्घाटन किया गया है। 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की नींव को मजबूत करते हुए, एकता मॉल हमें 'वोकल फॉर लोकल' के हमारे दृष्टिकोण को देश के हर कोने तक ले जाने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले देश में पूर्वोत्तर के 6 राज्य ऐसे थे, जहां की राजधानी हमारे देश के रेलवे से नहीं जुड़ी थीं। साल 2014 में देश में 10 हजार से ज्यादा मानव-रहित रेलवे फाटक थे, वहां लगातार दुर्घटनाएं होती थीं। साल 2014 में सिर्फ 35 प्रतिशत रेल लाइनों का विद्युतीकरण हुआ था। रेलवे लाइनों का दोहरीकरण पहले की सरकारों की प्राथमिकता में ही नहीं था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हमने 10 वर्षों में औसत रेल बजट को साल 2014 से पहले की तुलना में 6 गुना ज्यादा बढ़ाया है।

स्वतंत्रता के बाद, सरकारों ने सामाजिक कल्याण पर राजनीतिक लाभ को प्राथमिकता दी, जिसका रेलवे क्षेत्र पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा। हमारी सरकार ने रेलवे क्षेत्र का परिदृश्य पूरी तरह से बदल दिया है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देश को गारंटी दे रहा हूं कि अगले 5 साल में आप भारतीय रेल का ऐसा कायाकल्प होते देखेंगे, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। आज का यह दिन इसी इच्छाशक्ति का जीता-जागता सबूत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों का नेटवर्क अब देश के 250 से अधिक जिलों तक पहुंच चुका है। जन भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार वंदे भारत ट्रेनों का रूट भी लगातार बढ़ा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे का कायाकल्प भी विकसित भारत की गारंटी है। आज रेलवे में अभूतपूर्व गति से नए रिफॉर्म्स हो रहे हैं। तेज गति से नए रेलवे ट्रैक का निर्माण, 1,300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, वंदे भारत, नमो भारत, अमृत भारत जैसी नेक्स्ट जेनरेशन ट्रेन, आधुनिक रेलवे इंजन और कोच फैक्ट्रियां, ये सब 21वीं सदी की भारतीय रेल की तस्वीर बदल रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारतीय रेलवे आज 'विकास भी-विरासत भी' के मंत्र को साकार करते हुए क्षेत्रीय संस्कृति और आस्था से जुड़े पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है। आज देश में रामायण सर्किट, गुरुकृपा सर्किट और जैन यात्रा पर भारत गौरव ट्रेन चल रही हैं।

यही नहीं, आस्था स्पेशल ट्रेन तो देश के कोने-कोने से श्रीराम भक्तों को अयोध्या ले जा रही है। अब तक करीब 350 आस्था ट्रेनें चली हैं और इनके माध्यम से साढ़े 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए हैं। भारतीय रेल आधुनिकता की रफ्तार पर ऐसे ही आगे बढ़ती रहेगी और यह मोदी की गारंटी है।

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