
कावेरी जल मुद्दा: 29 सितंबर को कर्नाटक बंद के दौरान जनजीवन प्रभावित होने की आशंका
‘कन्नड़ ओक्कुटा’ ने पूरे राज्य में सुबह से शाम तक बंद का आह्वान किया है
शहर में टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक व्यापक जुलूस निकाला जाएगा
बेंगलूरु/भाषा। कन्नड़ समर्थक और किसान संगठनों के कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को आहूत ‘कर्नाटक बंद’ के मद्देनजर राज्य में, खासतौर से दक्षिणी हिस्से में सामान्य जनजीवन बाधित रहने की आशंका है।
कर्नाटक रक्षण वेदिके, कन्नड़ चलवली (वटल पक्ष) समेत कन्नड़ संगठनों और विभिन्न किसान संगठनों के शीर्ष संगठन ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ ने पूरे राज्य में सुबह से शाम तक बंद का आह्वान किया है।
बंद के आयोजकों ने बताया कि शहर में टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक व्यापक जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें सभी वर्ग के लोगों के भाग लेने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि पूरे कर्नाटक में बंद का आह्वान किया गया है और वे राजमार्ग, टोल, रेल सेवाएं और हवाई अड्डे भी बंद कराने की कोशिश करेंगे।
विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (एस) ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है। साथ ही होटलों, ऑटोरिक्शा और कार चालकों के संघों ने भी बंद का समर्थन किया है।
कर्नाटक प्रदेश निजी स्कूल संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि वे बंद को ‘नैतिक समर्थन’ दे रहे हैं।
इस बीच, राज्य के परिवहन विभाग ने सरकारी परिवहन निगमों को अपनी सेवाएं जारी रखने का निर्देश दिया है।
कुछ कार्यकर्ताओं ने कावेरी का पानी तमिलनाडु को दिए जाने के खिलाफ कावेरी बेसिन वाले जिले मांड्या में बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। वे पिछले 15 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने तमिलनाडु के प्रति नरम रुख अपनाया और वह मामले पर उचित तरीके से ध्यान नहीं दे रही है।
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