तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ बेंगलूरु में बंद से जनजीवन प्रभावित

इस बंद को भारतीय जनता पार्टी और जनता दल-सेक्युलर ने समर्थन दिया है

तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ बेंगलूरु में बंद से जनजीवन प्रभावित

सोमवार आधी रात से मंगलवार आधी रात तक शहर भर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है

बेंगलूरु/भाषा। तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ किसानों और कन्नड़ संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘बेंगलूरु बंद’ को आंशिक प्रतिक्रिया मिली और अधिकतर सार्वजनिक सेवाएं सामान्य रूप से संचालित हुईं, लेकिन लोगों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम नजर आई।

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इस बंद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) ने समर्थन दिया है।

किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में, किसान संघों और अन्य संगठनों के एक प्रमुख संगठन 'कर्नाटक जल संरक्षण समिति' ने मंगलवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बेंगलुरु बंद का आह्वान किया है।

‘टाउन हॉल’ की ओर विरोध मार्च निकालने की कोशिश कर रहे शांताकुमार और ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ के अन्य नेताओं को पुलिस ने मैसूरु बैंक सर्कल में हिरासत में ले लिया।

टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए कन्नड़ संगठनों के कई कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने वहां से हटा दिया।

किसान नेताओं और कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन और बंद के खिलाफ कथित तौर पर पुलिस बल का इस्तेमाल करने के लिए सरकार पर हमला बोला।

किसानों और कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा ‘फ्रीडम पार्क’ में विरोध प्रदर्शन किए जाने की संभावना है, जो इस तरह के प्रदर्शनों के लिए एक निर्दिष्ट स्थान है।

शहर पुलिस ने इन प्रदर्शनों के दौरान संभावित हिंसा की घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं। करीब 100 पलटन तैनात की गई हैं।

बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार आधी रात से मंगलवार आधी रात तक शहर भर में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मौजूदा प्रतिबंधों और अदालत के आदेशों के अनुसार, शहर में किसी भी बंद या जुलूस की अनुमति नहीं है।

दयानंद ने कहा, ‘बल प्रयोग करके कोई भी बंद को जबरन लागू नहीं करा सकता है। बंद केवल उन्हीं मामलों में संभव है, जब कोई स्वेच्छा से इसे लागू करना चाहता हो।’

कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व में कन्नड़ संगठनों के प्रमुख संगठन ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई है। वे आज के बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं।

बेंगलुरु शहरी जिले के उपायुक्त दयानंद केए ने बंद के मद्देनजर मंगलवार को शहर के सभी स्कूल और कॉलेज में छुट्टी की घोषणा की है।

कैब सेवाएं, ऑटो और होटल/रेस्तरां सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन वाहन चालकों और होटल संचालकों ने कहा कि बहुत अधिक लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे।

बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) की बस और मेट्रो रेल सेवाओं की भी यही स्थिति है। बस और मेट्रो स्टेशन पर भीड़ अपेक्षाकृत कम देखी गई।

‘ओला-उबर चालक संघ’ और होटल मालिक संघ ने कहा है कि आज उनकी सेवाएं सामान्य रहेंगी।

उन्होंने कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा बुलाए गए 29 सितंबर के कर्नाटक बंद को समर्थन देते हुए कहा कि वे वित्तीय कठिनाइयों के बीच दो दिन काम का नुकसान नहीं कर सकते।

आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र सहित अधिकतर निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है।

शहर के कुछ मॉल को बंद रखने का फैसला किया गया है। कई दुकानें और प्रतिष्ठान भी सुबह सामान्य दिनों की तरह काम करते दिखाई नहीं दिए।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को प्रदर्शन तेज होने के बीच कहा था कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए।

उच्चतम न्यायालय द्वारा कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और विनियमन समिति के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के बाद कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। इन आदेशों में कर्नाटक को पड़ोसी तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया गया था।

किसान संगठन और कन्नड़ समर्थक संगठन कावेरी बेसिन जिलों मैसूरु, मांड्या, चामराजनगर, रामनगर, बेंगलूरु और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे राज्य सरकार से पड़ोसी राज्य के लिए पानी नहीं छोड़ने का आग्रह कर रहे हैं।

कर्नाटक का कहना है कि वह जल छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि मानसून में कम बारिश के कारण पानी की कमी है तथा कावेरी बेसिन इलाकों में खड़ी फसल की सिंचाई और पेयजल संबंधी आवश्यकताओं के कारण उसे स्वयं इसकी जरूरत है।

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