
सिंधिया का राहुल पर निशाना: ‘मोहब्बत’ की नहीं, ‘अहंकार, तुष्टीकरण और झूठ’ की दुकान है
'देश की जनता लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनाएगी'
'ये केवल दुकान का नाम बदलते हैं, सामान वही है'
नई दिल्ली/भाषा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात करते हैं, उनकी दुकान असल में ‘अहंकार, तुष्टीकरण और झूठ की दुकान’ है।
उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए दावा किया देश की जनता लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनाएगी।
कुछ साल पहले तक कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे सिंधिया ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा, ‘ये कहते हैं कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे। इनकी दुकान तो नफरत की दुकान है, झूठ की दुकान है, तुष्टीकरण की दुकान है, अहंकार की दुकान है। ये केवल दुकान का नाम बदलते हैं, सामान वही है।’
उन्होंने कहा, ‘कोई महाभारत, रामायण की बात करता है, कोई राम और रावण की बात कर रहा है,कोई जनेऊधारी है ... ये मुखौटा नहीं चलेगा। हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाने जा रहे हैं।’
सिंधिया ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने स्वयं कहा है कि यह (इंडिया) मजबूरी का गठबंधन है।
सिंधिया ने कहा कि जिस प्रजातंत्र के मंदिर से देश की 140 करोड़ जनता अपनी प्रेरणा लेती है, उस प्रजातंत्र के मंदिर में स्पष्ट हो गया है कि इन्हें (विपक्ष) न देश की चिंता है, न प्रधानमंत्री के पद की चिंता है, न राष्ट्रपति के पद की चिंता है, सिर्फ अपनी हैसियत की चिंता है।
सिंधिया ने कहा, ‘जो लोग मौनव्रत की बात करते हैं, उनसे पूछना चाहते हैं कि वर्ष 1993 में जब मणिपुर जल रहा था, तब इनके तत्कालीन प्रधानमंत्री मौन क्यों थे?’ उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री के लिए मणिपुर हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं है। जिस प्रधानमंत्री ने उत्तर-पूर्वी राज्यों को विश्व के साथ जोड़ा, जिनका उत्तर-पूर्व के साथ दिल का रिश्ता है, जिसने उत्तर-पूर्व से भारत के दुश्मनों को खदेड़ दिया हो, जिस प्रधानमंत्री के रोम-रोम में भारत माता बसती हों, जिसने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया हो। उसके लिए ऐसी बात!’
सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया, ‘भारत को अलग-अलग टुकड़ों में देखने की विचारधारा विपक्ष की है, हमारी नहीं।’
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