कर्नाटक के गृह मंत्री ने मुकदमे वापस लेने के अनुरोध पर गौर करने का निर्देश दिया, भाजपा ने निशाना साधा

परमेश्वर ने गृह विभाग के प्रधान सचिव को लिखे एक नोट में तनवीर सैत के अनुरोध का हवाला दिया

कर्नाटक के गृह मंत्री ने मुकदमे वापस लेने के अनुरोध पर गौर करने का निर्देश दिया, भाजपा ने निशाना साधा

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने ट्वीट कर निशाना साधा

बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने अधिकारियों को ‘निर्दोष’ युवाओं और छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने के एक कांग्रेस विधायक के अनुरोध की जांच करने के लिए कहा है। उन युवाओं को शहर के डीजे हल्ली और केजी हल्ली, शिवमोग्गा एवं हुब्बली सहित अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन और दंगों के संबंध में ‘झूठे मामलों’ में गिरफ्तार किया गया था।

इस फैसले पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निशाना साधते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार पर ‘एक समुदाय के सांप्रदायिक अपराधियों को क्लीनचिट देने और जिहादियों एवं पीएफआई आतंकवादियों के इशारे पर काम करने’ का आरोप लगाया है।

परमेश्वर ने गृह विभाग के प्रधान सचिव को 19 जुलाई को लिखे एक नोट में नरसिम्हाराजा के विधायक और पूर्व मंत्री तनवीर सैत के अनुरोध का हवाला दिया है।

गृह मंत्री के नोट में कहा गया, ‘अनुरोध किया गया है कि बेंगलूरु के डीजे हल्ली और केजी हल्ली, शिवमोग्गा, हुब्बली और अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन एवं दंगों के सिलसिले में निर्दोष युवाओं और छात्रों को झूठे मामलों में गिरफ्तार किया गया है, समीक्षा के बाद नियमों के अनुसार ऐसे मुकदमों को वापस लिया जाए। इस संबंध में समीक्षा के बाद आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है।’

सरकार और गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए कर्नाटक भाजपा ने एक ट्वीट में कहा, ‘ऐसा लगता है ... डॉ. परमेश्वर इस प्रकार काम कर रहे हैं कि वे (सरकार) ‘एक’ समुदाय के सांप्रदायिक अपराधियों को क्लीनचिट दे देंगे! क्या इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ हो सकता है? यह पत्र साबित करता है कि यह सरकार जिहादियों और पीएफआई आतंकवादियों के इशारे पर काम कर रही है। भाजपा जिहादी सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।’

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने ट्वीट कर कहा, ‘सिद्दरामैया 1.0 सरकार ने राज्य में दंगों और हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए जिम्मेदार पीएफआई गुंडों के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे। अब गृह मंत्री ने दंगाइयों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।’

अगस्त 2020 में पुलाकेशी नगर के तत्कालीन कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार द्वारा कथित तौर पर अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद डीजे हल्ली और केजी हल्ली में हिंसा भड़क गई थी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हुए थे।

दंगों में विधायक के घर और केजी हल्ली थाने को आग लगा दी गई थी।

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