हिंसा के बाद अब कोल्हापुर में ऐसे हैं हालात
अब तक 36 लोगों को किया गया गिरफ्तार
आपत्तिजनक पोस्ट से संबंधित पांच मामले दर्ज किए गए हैं
पुणे/भाषा। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा टीपू सुल्तान की तस्वीर के साथ कथित तौर पर आपत्तिजनक ऑडियो संदेश को सोशल मीडिया ‘स्टेटस’ के रूप में लगाने के विरोध में बुधवार को हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के एक दिन बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिंसा के सिलसिले में अब तक कम से कम 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले दर्ज किए गए हैं।कोल्हापुर शहर में व्यवसायियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले और लोग दुकानों से दैनिक जरूरत का सामान खरीदते देखे गए।
शहर में मंगलवार को उस समय तनाव पैदा हो गया, जब दो लोगों ने कथित तौर पर 18वीं सदी के मैसूरु के शासक टीपू सुल्तान की तस्वीर के साथ एक आपत्तिजनक ऑडियो संदेश को अपने सोशल मीडिया ‘स्टेटस’ के तौर पर डाल दिया।
टीपू सुल्तान की तस्वीर के कथित इस्तेमाल के खिलाफ बुधवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शिवाजी चौक पर पहुंच गए। इस दौरान पथराव किए जाने से हिंसा भड़क उठी थी। पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का उपयोग किया।
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने बताया कि बुधवार दोपहर स्थिति नियंत्रण में आ गई और जिले के प्रभारी मंत्री दीपक केसरकर ने शाम को एक शांति समिति की बैठक की।
उन्होंने बताया कि विभिन्न संगठनों और समुदायों के सदस्यों ने शहर में शांति बनाए रखने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा, एहतियाती कदम उठाए गए हैं और शहर और जिले के संवेदनशील इलाकों में पुलिस की तैनाती के साथ-साथ गश्त जारी है।
शहर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर पंडित ने कहा, स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। मुख्य बाजार क्षेत्र में दुकानें फिर से खुलने लगी हैं।
उन्होंने कहा कि बुधवार को हुए दंगों के संबंध में तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, आपत्तिजनक पोस्ट से संबंधित पांच मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि इनमें से दो मामलों में किशोरों समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है।
जिला प्रशासन की एक विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्री केसरकर ने सभी त्योहारों का शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने के लिए सभी समुदायों के सदस्यों को शामिल करते हुए प्रशासन को अलग-अलग शांति समितियां गठित करने का निर्देश दिया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने शहर में किसी भी सांप्रदायिक कलह को रोकने के लिए एक स्वतंत्र समिति के गठन का भी निर्देश दिया है।