ट्रेन दुर्घटना पर बोले मोदी- जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा
'जिनके परिजन घायल हुए हैं, उनके लिए भी सरकार उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी'
'मेरे पास शब्द नहीं हैं इस वेदना को प्रकट करने के लिए'
बालासोर/दक्षिण भारत। ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बचाव और राहत कार्यों का निरीक्षण किया और अस्पताल जाकर घायलों के हालचाल भी जाने।
इसके बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह भयंकर हादसा हुआ है। मैं असहनीय वेदना अनुभव कर रहा हूं। अनेक राज्यों के लोगों ने इस यात्रा में कुछ न कुछ गंवाया है। यह बहुत बड़ा दर्दनाक और वेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जिनके परिजन घायल हुए हैं, उनके लिए भी सरकार उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। जो परिजन हमने खोए हैं, वे तो वापिस नहीं ला पाएंगे, लेकिन सरकार उनके दुख में, परिजन के दुख में उनके साथ है। सरकार के लिए यह घटना अत्यंत गंभीर है। हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ओडिशा सरकार का भी, यहां के प्रशासन के सभी अधिकारियों का जिन्होंने जिस तरह से इस परिस्थिति में अपने पास जो भी संसाधन थे, लोगों की मदद करने का प्रयास किया, नागरिकों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने इस संकट की घड़ी में चाहे ब्लड डोनेशन का काम हो, चाहे बचाव अभियान में मदद की बात हो, जो भी उनसे बन पड़ता था, करने का प्रयास किया है। खास करके इस क्षेत्र के युवकों ने रातभर मेहनत की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस क्षेत्र के नागरिकों का भी आदरपूर्वक नमन करता हूं कि उनके सहयोग के कारण ऑपरेशन को तेज गति से आगे बढ़ा पाए। रेलवे ने अपनी पूरी शक्ति, पूरी व्यवस्थाएं बचाव अभियान में आगे रिलीव के लिए और जल्द से जल्द ट्रैक पुनर्स्थापित हो, यातायात का काम तेज गति से फिर से आए, इन तीनों दृष्टि से सुविचारित रूप से प्रयास आगे बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दुख की घड़ी में, मैं आज स्थान पर जाकर सारी चीजों को देखकर आया हूं। अस्पताल में भी जो घायल नागरिक थे, उनसे मैंने बात की है। मेरे पास शब्द नहीं हैं इस वेदना को प्रकट करने के लिए। लेकिन परमात्मा हम सबको शक्ति दे कि हम जल्द से जल्द इस दुख की घड़ी से निकलें। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन घटनाओं से भी बहुत कुछ सीखेंगे और अपनी व्यवस्थाओं को भी और नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ाएंगे। दुख की घड़ी है, हम सब प्रार्थना करें इन परिजन के लिए।