
सिद्दरामैया ने 2019 लोकसभा चुनाव के बाद कुमारस्वामी सरकार गिराने का आश्वासन दिया था: सुधाकर
सुधाकर ने यह मुद्दा ऐसे समय उठाया है, जब सिद्दरामैया राज्य के नए मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शुमार हैं
उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार से है
बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक की निवर्तमान भारतीय जनता पाटी (भाजपा) सरकार में मंत्री के सुधाकर ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरामैया से सवाल किया कि क्या साल 2019 में गठबंधन सरकार के राज्य की सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने के कदम में उनकी कोई ‘गुप्त या स्पष्ट’ भूमिका नहीं थी।
सुधाकर ने यह मुद्दा ऐसे समय उठाया है, जब सिद्दरामैया राज्य के नए मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शुमार हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार से है।
सुधाकर ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि सिद्दरामैया ने विधायकों को आश्वासन दिया था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद वे तत्कालीन एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार को एक भी दिन टिकने नहीं देंगे।
सुधाकर पहले कांग्रेस में थे। कांग्रेस और जद (एस) छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले 17 विधायकों में वे खुद भी शामिल थे। इस वजह से गठबंधन सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का रास्ता साफ हुआ था।
सुधाकर ने दावा किया, ‘साल 2018 में जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार के दौरान जब कांग्रेस विधायक अपनी चिंताओं के साथ समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्दरामैया के पास गए तो उन्होंने असमर्थता जाहिर करते हुए कहा था कि सरकार में उनकी बिल्कुल नहीं चलती और स्वयं उनके क्षेत्र में भी काम रुके हुए हैं।’
उन्होंने कहा कि सिद्दरामैया ने विधायकों को आश्वासन दिया था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद वह तत्कालीन एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार को एक भी दिन नहीं टिकने देंगे।
भाजपा में शामिल होने के बाद सुधाकर ने पार्टी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। वे भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने थे।
हालांकि, गत 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में वे चिकबल्लापुर सीट से चुनाव हार गए।
About The Author
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List