चिथिरई उत्सव: भव्य आयोजन में संपन्न हुआ देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर का विवाह
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, 30 अप्रैल को राज्याभिषेक समारोह और दिग विजयम अनुष्ठान हुआ था
चिथिरई मंदिर रथ उत्सव आयोजित किया जाएगा
मदुरै/दक्षिण भारत। चिथिरई उत्सव के 10वें दिन मंगलवार को देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर का विवाह मदुरै के अरुलमिगु मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में संपन्न हुआ। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, 30 अप्रैल को राज्याभिषेक समारोह और दिग विजयम अनुष्ठान हुआ था। उसके बाद मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर का विवाह अनुष्ठान (थिरुकल्याणम) हुआ। बुधवार को चिथिरई मंदिर रथ उत्सव आयोजित किया जाएगा।थिरुकल्याणम अनुष्ठान मंदिर परिसर न्यू थिरुकल्याण मंडपम के भीतर उत्तर-पश्चिम आदि स्ट्रीट के जंक्शन पर मंच पर आयोजित किया गया था। इसकी शुरुआत सुबह 4 बजे हुई। इस दौरान भजनों का गायन और मंत्रोच्चारण किया गया।
सबसे पहले थिरुपरांगुंद्रम से भगवान पावला कनिवई पेरुमल और भगवान सुब्रमण्य स्वामी (भगवान मुरुगन) थिरुकल्याणम मंडपम पहुंचे। इसके बाद देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को थिरुकल्याणम अनुष्ठान के लिए सजाए गए विवाह मंच पर लाया गया।
पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह मिथुन लग्न में सुबह 8.35 - 8.59 के बीच हुआ। इस दौरान वैदिक मंत्रों का जाप किया गया। अनुष्ठानों के बाद समस्त देवताओं को थिरुकल्याण मंडपम में विराजमान किया गया, जहां श्रद्धालुओं ने उनके दर्शन किए। बताया गया कि करीब 12,000 श्रद्धालुओं ने टोकन आदि के जरिए दर्शन किए। बाहर एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई थी।
इस अवसर पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए पुलिस बल मौजूद था। श्रद्धालुओं के लिए अन्य सुविधाओं और भोज की व्यवस्था की गई थी। उत्सव स्थल पर चिकित्सा दल भी तैनात किया गया था।