प्रधानमंत्री ने 91 एफएम ट्रांसमीटर्स का उद्धाटन किया
'आज भारत में गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाया जा रहा है'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के कोने-कोने से डिजिटल उद्यमी उभर रहे हैं
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 91 एफएम ट्रांसमीटर्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज ऑल इंडिया रेडियो की एफएम सर्विस का विस्तार ऑल इंडिया एफएम बनने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। ऑल इंडिया एफएम की 91 एफएम ट्रांसमीटर्स की यह शुरुआत देश के 85 जिलों के 2 करोड़ लोगों के लिए उपहार की तरह है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी पीढ़ी रेडियो की भावुक दर्शक रही है और मेरे लिए यह खुशी की बात है कि मैं दर्शक होने के साथ-साथ एक होस्ट भी बन गया हूं। अभी कुछ दिन बाद ही मैं रेडियो पर 'मन की बात' का 100वां एपिसोड करने जा रहा हूं। 'मन की बात' का यह अनुभव देशवासियों से इस तरह का भावनात्मक जुड़ाव केवल रेडियो से ही संभव था। मैं इसके जरिए देशवासियों की सामर्थ्य से जुड़ा रहा हूं, देश की सामूहिक कर्तव्य शक्ति से जुड़ा रहा हूं।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी सामर्थ्य का पूरा इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए जरूरी है कि किसी भी भारतीय के पास अवसरों की कमी न हो। आधुनिक तकनीकी को सबके लिए पहुंच योग्य और वहनीय बनाना इसका बहुत बड़ा माध्यम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में जिस तरह गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाया जा रहा है, मोबाइल और मोबाइल डेटा दोनों की कीमत इतनी कम हुई है कि उसने सूचना तक पहुंच को आसान बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में देश में जो तकनीकी क्रांति हुई है, उसने रेडियो और एफएम को नए अवतार में गढ़ा है। इंटरनेट के कारण रेडिया पिछड़ा नहीं, बल्कि ऑनलाइन एफएम के और पॉडकास्ट के जरिए सामने उभर कर आया है यानी डिजिटल इंडिया ने रेडिया को नए श्रोता भी दिए हैं और नई सोच भी दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के कोने-कोने से डिजिटल उद्यमी उभर रहे हैं। यहां तक कि रेहड़ी-पटरी वाले भी अब यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं। वे बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। जीईएम ने छोटे उद्योगों को बढ़ने और विकसित करने में मदद करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब लोगों के जीवन के हर पहलू में तकनीक की भूमिका बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में हमने देश के असली नायकों को सम्मान दिया है। पद्म सम्मान, पहले के विपरीत, अब समाज और राष्ट्र की सेवा के आधार पर प्रदान किए जाते हैं। अब 'एप्रोच' के आधार पर सम्मानित नहीं किया जाता है।