कांग्रेस को विपक्षी एकता बनाने के लिए पहले अपना घर सुधारना होगाः देवेगौड़ा

उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों के सामने कई विकल्प हैं

कांग्रेस को विपक्षी एकता बनाने के लिए पहले अपना घर सुधारना होगाः देवेगौड़ा

'इस देश के पास नेतृत्व का खजाना है'

बेंगलूरु/भाषा। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकता को लेकर चल रही सरगर्मियों के बीच जनता दल (एस) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने रविवार को कहा कि कांग्रेस को पहले अपना घर सुधारना चाहिए।

उन्होंने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि विपक्षी दलों के सामने कई विकल्प हैं तथा इस देश के पास नेतृत्व का खजाना है।

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में जद (एस) की संभावनाओं पर वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह इस साल अन्य राज्यों में चुनाव तथा 2024 में संसदीय चुनावों की दिशा भी तय करेगी।

देवेगौड़ा उम्र संबंधी बीमारियों के कारण सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार करने से दूरी बरत रहे हैं।

प्रश्नः आप आगामी विधानसभा चुनावों में जद (एस) की संभावनाओं को कैसे देखते हैं? प्रचार अभियान में जद (एस) की रणनीति क्या होगी?

उत्तरः मेरी पार्टी कर्नाटक में अच्छा प्रदर्शन करेगी। केवल दो राष्ट्रीय दलों पर नजर गड़ा रहे कई लोग हैरान हो जाएंगे। हम विभाजनकारी एजेंडे के लिए वोट नहीं मांग रहे हैं। हम समावेशी समाज और विकास - पंचरत्न कार्यक्रम के नाम पर वोट मांग रहे हैं। मेरी पार्टी सत्ता में आएगी और हम इस कार्यक्रम को लागू करेंगे।

हमारे नेता एचडी कुमारस्वामी ने इस कार्यक्रम का प्रचार करने के लिए हाल में राज्यव्यापी दौरा संपन्न किया है। उन्हें शानदार प्रतिक्रिया मिली है। हमारी पार्टी की रणनीति बहुत साधारण है - कड़ी मेहनत करें और लोगों के साथ ईमानदार रहें, उन्हें झांसा न दें और उन्हें बांटें नहीं।

प्रश्नः कुछ वर्गों में यह धारणा है कि जद (एस) ओल्ड मैसूरु के आगे अपना आधार बढ़ा नहीं पाई है, उस मोर्चे पर क्या किया जा रहा है?

उत्तरः हम मैसूरु क्षेत्र तक सीमित है, यह राष्ट्रीय दलों का चतुर दुष्प्रचार है। हमारे हमेशा राज्यभर और समुदायों से विधायक रहे हैं। मैं जो कह रहा हूं, उसे समझने के लिए आपको 1999 के बाद से विधायकों और निर्वाचन क्षेत्र की सूची देखनी होगी।

हां, मैसूरु क्षेत्र ने हमें सबसे ज्यादा समर्थन दिया है और हम उसके लिए आभारी हैं। इस बार हम राज्य के सभी क्षेत्रों में कहीं ज्यादा कामयाब होंगे। एक मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर मैंने सभी के लिए काम किया है, मैंने कभी क्षेत्रों के बीच भेदभाव नहीं किया। निहित स्वार्थ के चलते झूठ बोला जाता है। अपने करियर में मैंने कभी झूठ का जवाब देने के लिए महंगी जनसंपर्क एजेंसियों की सेवाएं नहीं लीं।

प्रश्नः जद (एस) ने अपने दम पर सरकार बनाने के लिए 123 सीटों का लक्ष्य तय किया है। कुछ आलोचकों का कहना है कि यह अवास्तविक है। आपको इसे हासिल करने का इतना भरोसा कैसे है?

उत्तरः हमारी कड़ी मेहनत और विकास की दूरदृष्टि हमें यह विश्वास देती है। मैं अपने आलोचकों और राजनीतिक विरोधियों की कुटिलता की परवाह नहीं करता हूं।

प्रश्नः राष्ट्रीय दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बारे में आपका क्या ख्याल है और क्या उन्होंने कर्नाटक में सत्ता में रहते हुए काम किया है?

उत्तरः मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। हमारे नेता एचडी कुमारस्वामी और सीएम इब्राहिम (पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष) इस पर उचित विश्लेषण दे सकते हैं। मैं सिर्फ यह कह सकता हूं कि राष्ट्रीय दलों की केवल ऊंचे-ऊंचे वादे और झूठे दावे करने की आदत होती है।

प्रश्नः कर्नाटक चुनाव कितना अहम है और राष्ट्रीय राजनीतिक दृश्य पर इसके नतीजे का क्या असर होने जा रहा है?

उत्तरः कर्नाटक इस साल अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव तथा साल 2024 में संसदीय चुनाव की दिशा तय करेगा। इसने हमेशा ऐसा किया है और इस बार भी ऐसा ही होगा।

प्रश्नः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके प्रदर्शन तथा भारत में उनके शासन में लोकतंत्र के संबंध में चल रही चर्चा पर आपकी क्या राय है?

उत्तरः मैंने राज्यसभा में सभी मुद्दों, चाहे कृषि मुद्दे हों, कृषि कानून, कोविड-19, केंद्रीय बजट, अर्थव्यवस्था, पूर्वाेत्तर, कश्मीर आदि पर चर्चा में भाग लिया है। मैंने विस्तार से बात की है। यह संसद तथा मेरे सोशल मीडिया अकाउंट पर रिकॉर्ड में है। अगर कोई उन पर गौर करेगा तो उसे पता चल जाएगा कि भाजपा सरकार तथा केंद्र पर मेरा आकलन क्या है। मैंने हमेशा अपने काम को गंभीरता से लिया है और 91 वर्ष की उम्र भी ऐसा ही कर रहा हूं। कांग्रेस इस देश में अकेली विपक्षी पार्टी नहीं है।

प्रश्नः आपको क्या लगता है कि कांग्रेस को साल 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विपक्षी एकता बनाने में भूमिका निभाने की जरूरत है?

उत्तरः पहले तो कांग्रेस को अपने घर में सुधार करना होगा। विपक्षी दलों के सामने कई विकल्प हैं और इस देश के पास नेतृत्व का खजाना है।

प्रश्नः राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने पर आपकी क्या राय है?

उत्तरः मैं अलग से टिप्पणी करना नहीं चाहता। मेरी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही इस पर बात की है। मैं बस यही कह सकता हूं कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

प्रश्नः आपको अब भी लगता है कि जनता परिवार तथा तीसरा मोर्चा के पुनर्जीवित होने की कोई संभावना है या यह बंद हो चुका अध्याय है?

उत्तरः सबकुछ संभव है। सबकुछ से मेरा मतलब सबकुछ है। मैं तीसरे या चौथे मोर्चे में यकीन नहीं रखता। मेरा मानना है कि हम जो भी करें, इस देश तथा लोकतंत्र की रक्षा करने में सबसे आगे खड़े होंगे।

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