खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगाने की कोशिश की
सैन फ्रांसिस्को में रविवार को सुबह करीब चार बजकर 20 मिनट पर यह घटना हुई
दूतावास में लगे सीसीटीवी में इस कृत्य के कुछ हिस्से कैद भी हो गए
वॉशिंगटन/भाषा। खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास में आग लगाने की कोशिश की, जिसके बाद वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों ने अपने अमेरिकी समकक्षों को सूचित किया कि उन्हें देश विरोधी तत्त्वों द्वारा आने वाले दिनों में इस तरह के और विरोध-प्रदर्शन किए जाने की आशंका है।
सैन फ्रांसिस्को में रविवार को सुबह करीब चार बजकर 20 मिनट पर यह घटना हुई। दूतावास में लगे सीसीटीवी में इस कृत्य के कुछ हिस्से कैद भी हो गए।सूत्रों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि दाढ़ी वाले दो पुरुषों जिन्होंने टोपी पहन रखी थी, ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशन के प्रवेश द्वार पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और इमारत को आग लगाने की कोशिश की। इन दोनों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
कुछ सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि किसी वजह से आग नहीं फैली। आग न फैलने की उचित वजह पता नहीं चल पाई है, लेकिन ऐसा संभवतः भवन निर्माण सामग्री या ज्वलनशील तरल की गुणवत्ता के कारण हुआ।
सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास ने तुरंत इस मामले को सैन फ्रांसिस्को से वाशिंगटन डीसी तक शहर की पुलिस और संबंधित अधिकारियों के साथ कई स्तरों पर उठाया।
हालांकि, प्रदर्शनकारी दिन में और हिंसक हो गए। करीब 11 घंटे बाद मजबूत कानून प्रवर्तन और शहर पुलिस की उपस्थिति के अभाव में, खालिस्तान समर्थकों ने अस्थायी अवरोधक तोड़ दिए और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के परिसर के अंदर जबरन घुस गए और दरवाजों तथा खिड़कियों को नुकसान पहुंचाया। मिशन के कर्मचारियों द्वारा उनके तथाकथित खालिस्तानी झंडे हटाए जाने के बाद उन्होंने इन उग्र कृत्यों को अंजाम दिया।
इस दौरान दूतावास का एक कर्मचारी मामूली रूप से घायल हो गया। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास और यहां भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों ने अमेरिकी सरकार तथा कैलिफोर्निया राज्य सरकार में कई स्तरों पर घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को सैन फ्रांसिस्को वाणिज्य दूतावास के बाहर तंबू लगा दिया। इनमें भारतीय दूतावास को नुकसान पहुंचाने वाले लोग भी शामिल थे।
वहीं, स्थानीय भारतीय अमेरिकी समुदाय में इस बात को लेकर रोष है कि सैन फ्रांसिस्को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
पासपोर्ट या वीजा सेवाओं के लिए वाणिज्य दूतावास आने वाले कई लोगों को प्रदर्शनकारियों ने परेशान किया और कुछ को तो परिसर में प्रवेश से भी रोका गया।
कई सूत्रों ने बताया कि यह सब शनिवार शाम को शुरू हुआ, जब खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने दूतावास परिसर के सामने एक तंबू लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
खालिस्तान समर्थकों ने शनिवार शाम वाणिज्य दूतावास के परिसरों की दीवारों पर पेंट से लिख दिया। हालांकि वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों ने जल्द ही इन्हें मिटा दिया।
सभी संबंधित कानून प्रवर्तन अधिकारियों को तुरंत इसके बारे में सूचित किया गया। उन्हें बताया गया कि उन्हें जानकारी थी कि विरोध हिंसक हो सकता है।
दूतावास में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज के अनुसार, रविवार को सुबह करीब चार बजकर 20 मिनट पर इमारत में आग लगाने का एक गंभीर प्रयास किया गया। स्थानीय अधिकारियों को तुरंत इस नाकाम कोशिश की जानकारी दी गई। अगर प्रदर्शनकारी अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते तो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता था।
वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों ने अपने अमेरिकी समकक्षों से कहा कि उन्हें आशंका है कि आने वाले हफ्तों तथा महीनों में राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्त्वों द्वारा इस तरह के और विरोध प्रदर्शन किए जा सकते हैं। अमेरिका में सभी भारतीय राजनयिक मिशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
खालिस्तान समर्थकों ने वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया है। वॉशिंगटन डीसी पुलिस और राजनयिक सुरक्षा की सक्रियता के चलते विरोध शांतिपूर्ण रहा।
हालांकि, सैन फ्रांसिस्को में नजारा अलग दिखा, जहां सोमवार तक पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात नहीं किया गया और इस तरह की अभूतपूर्व बर्बरता तथा भारतीय वाणिज्य दूतावास को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
खालिस्तान समर्थकों द्वारा हाल के महीनों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिन्होंने इन देशों में कुछ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ भी की है।
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में कुछ खालिस्तान समर्थक तत्त्वों द्वारा एक विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की घटना को लेकर भारत ने सोमवार को दिल्ली में अमेरिका के उप-राजदूत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी सरकार को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित उपाय करने को कहा गया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार नयी दिल्ली में अमेरिका के उप राजदूत के साथ बैठक में भारत ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशन में की गई तोड़फोड़ पर कड़ा विरोध जताया है।