केरल में वामपंथी, कांग्रेस नेता भारत के पक्ष में बयान देने वाले ईसाई नेताओं पर साध रहे निशाना: भाजपा
केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया
मुरलीधरन के साथ भाजपा प्रवक्ता टॉम वडक्कन और पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस भी थे
नई दिल्ली/भाषा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को आरोप लगाया कि केरल में सत्तासीन वाम दल और विपक्षी कांग्रेस राज्य के ईसाइयों को ‘वोट बैंक’ की तरह देखते हैं और यदि समुदाय के लोग केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में बोलते हैं तो उन्हें स्वतंत्रता से विचार नहीं रखने दिया जाता।
केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने संवाददाता सम्मेलन में केरल के एक वरिष्ठ पादरी के इस बयान का स्वागत किया कि यदि भाजपा किसानों की समस्याओं पर ध्यान दे तो उनका समुदाय पार्टी की सहायता कर सकता है।हालांकि, उन्होंने वाम दल और कांग्रेस पर, भाजपा का समर्थन करने वाले बयान देने पर ईसाई समुदाय के धार्मिक नेताओं पर निशाना साधने का आरोप लगाया।
प्रभावशाली सिरो-मालाबार कैथलिक चर्च के थालासेरी आर्क बिशप मार जोसफ पैम्प्लानी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार रबर खरीद के दाम बढ़ाकर 300 रुपए प्रति किलोग्राम करने का वादा करे तो इस दक्षिणी राज्य में भाजपा का कोई सांसद होने की संभावना पर ध्यान दिया जाएगा।
इस मौके पर मुरलीधरन के साथ भाजपा प्रवक्ता टॉम वडक्कन और पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस भी थे। मुरलीधरन ने कहा कि बिशप को उनके विचार के लिए निशाना बनाया गया और ऑनलाइन माध्यम से भी उन पर प्रतिकूल टिप्पणियां की गयीं।
उन्होंने कहा, ‘क्या माकपा और कांग्रेस कह रहे हैं कि उन्हें (ईसाई पादरियों को) भारत सरकार का परोक्ष समर्थन करने पर अपनी राय व्यक्त करने की आजादी नहीं है? यह हास्यास्पद स्थिति है कि ये दोनों दल अल्पसंख्यक समर्थक होने का दावा करते हैं, लेकिन यदि ईसाई नेता कुछ तथ्य रखते हैं तो वे उन पर निशाना साधते हैं।’
गिरजाघरों पर कथित हमलों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराने को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जहां कांग्रेस सत्ता में है। उन्होंने कहा कि भाजपा गोवा और पूर्वोत्तर के उन राज्यों में सत्ता में है, जहां ईसाई समुदाय बड़ी संख्या में है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे पहले एक आर्क बिशप ने ‘नारकोटिक्स जिहाद’ का मुद्दा उठाया था तो दोनों दलों ने उन पर भी निशाना साधा था।
पैम्प्लानी ने किसानों की एक बैठक में कहा था, ‘लोकतंत्र में प्रदर्शन का कोई महत्त्व नहीं है, यदि वह चुनाव के समय वोटों में तब्दील नहीं होता। हम केंद्र सरकार को बताएंगे कि यदि आप रबर के दाम बढ़ाकर 300 रुपये कर देंगे तो सत्ता में जो भी पार्टी हो हम उसे वोट देंगे।’
बैठक में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले तीन पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन के बाद कहा था कि केरल में अल्पसंख्यकों से उनकी पार्टी को बढ़ते समर्थन पर विचार करें तो भाजपा नीत गठबंधन केरल में सरकार बनाएगा।