यह वो समय, जब हमारे गांव भी पर्यटन का केंद्र बन रहे हैं: मोदी
प्रधानमंत्री ने पर्यटन के विकास पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया
'बेहतर होते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण अब दूर-सुदूर के गांव टूरिज्म मैप पर आ रहे हैं'
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पर्यटन के विकास पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का 'नया भारत नए वर्क कल्चर' के साथ आगे बढ़ रहा है। इस बार भी बजट की खूब वाहवाही हुई है। देश के लोगों ने इसे पॉजिटिव तरीके से लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हमें टूरिज्म सेक्टर को नई ऊंचाई देने के लिए लीक से हटकर सोचना होगा और दीर्घकालिक योजना बनाकर चलना होगा। जब भी किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन को विकसित करने की बात आती है, तीन सवाल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं:पहला- उस स्थान का पोटेंशियल क्या है? दूसरा- यात्रा में आसानी के लिए वहां की अवसंरचनात्मक आवश्यकता क्या है, उसे कैसे पूरा करेंगे? तीसरा - प्रमोशन के लिए नया क्या करेंगे?
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के संदर्भ में देखें तो टूरिज्म का दायरा बहुत बड़ा है। सदियों से हमारे यहां यात्राएं होती रही हैं, ये हमारे सांस्कृतिक-सामाजिक जीवन का हिस्सा रहा है। जब संसाधन नहीं थे, तब भी कष्ट उठाकर लोग यात्राओं पर जाते थे।
चारधाम यात्रा, द्वादश ज्योर्लिंग की यात्रा, 51 शक्तिपीठ की यात्रा, ऐसी कितनी ही यात्राएं हमारे आस्था के स्थलों को जोड़ती थीं। हमारे यहां होने वाली यात्राओं ने देश की एकता को मजबूत करने का भी काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यात्राओं की इस पुरातन परंपरा के बावजूद दुर्भाग्य यह रहा कि इन स्थानों पर समय के अनुकूल सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया। पहले सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आजादी के बाद के दशकों में इन स्थानों की राजनीतिक उपेक्षा ने देश का बहुत नुकसान किया। आज का भारत इस स्थिति को बदल रहा है।
भारत के विभिन्न स्थलों में अगर नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जाएं, वहां डिजिटल कनेक्टिविटी अच्छी हो, होटल-हॉस्पिटल अच्छे हों, गंदगी का नामो-निशान न हो, बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर हो तो भारत के टूरिज्म सेक्टर में कई गुना वृद्धि हो सकती है।
जब यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ती हैं, तो कैसे यात्रियों में आकर्षण बढ़ता है, उनकी संख्या में भारी वृद्धि होती है, यह भी हम देश में देख रहे हैं। यह वो समय है, जब हमारे गांव भी पर्यटन का केंद्र बन रहे हैं। बेहतर होते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण अब दूर-सुदूर के गांव टूरिज्म मैप पर आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बॉर्डर किनारे बसे गांवों के लिए 'वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना' भी शुरू की है। होम स्टे हों, छोटे होटल हों, छोटे रेस्टोरेंट हों, ऐसे अनेक बिजनेस के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करने का काम करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में तटीय पर्यटन, समुद्र पर्यटन, हिमालयी पर्यटन, मैंग्रोव पर्यटन, साहसिक पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, इको-पर्यटन, हेरिटेज पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन, वेडिंग डेस्टिनेशन, खेल पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हमें इन्हें मजबूत करना सुनिश्चित करना है।