मिर्जापुर में 178 साल पुराना गिरिजाघर क्रिसमस के लिए तैयार
क्रिसमस को लेकर इस गिरिजाघर के संरक्षकों ने जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं
मिशन कंपाउंड में स्थित एमैनुअल चर्च के संरक्षक हर वर्ष ईसा मसीह का जन्मदिन मनाने के लिए एकत्रित होते हैं
मिर्जापुर/भाषा। मिर्जापुर में स्थित 178 साल पुराना गिरिजाघर क्रिसमस त्योहार के लिए सज-संवरकर तैयार है। फर्नीचर और दीवारों पर नया पेंट किया जा रहा है। मुख्य हॉल में गुब्बारों, सितारों, घंटियों और सांता के कटआउट से सजा क्रिसमस ट्री लगाया गया है और आने-जाने के रास्ते को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है।
क्रिसमस को लेकर इस गिरिजाघर के संरक्षकों ने जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं और गिरिजाघर को सजाया-संवारा गया है। मिशन कंपाउंड में स्थित एमैनुअल चर्च के संरक्षक हर वर्ष ईसा मसीह का जन्मदिन मनाने के लिए एकत्रित होते हैं और एक पखवाड़ा पहले ही इस गिरिजाघर के सदस्य कैरोल गान शुरू कर देते हैं।बृहस्पतिवार की शाम गिरिजाघर के पादरी सुरेश मसीह की अगुवाई में क्रिसमस कैरोल ग्रुप कैरोल गाते हुए घर-घर पहुंचा। ऐसी मान्यता है कि इस कैरोल को सबसे पहले चरवाहों ने देवदूतों से ईसा मसीह के जन्म की खबर मिलने के बाद गाया था।
इस ऐतिहासिक गिरिजाघर के बारे में मसीह ने बताया कि इस गिरिजाघर की नींव फादर मैथ्यू विलियम ने 1844 में रखी थी, जिन्हें लंदन स्थित बोस्टन मिशनरी सोसाइटी ने मिर्जापुर भेजा था। बाद में बाइबल मिशनरी सोसाइटी की मदद से निर्माण कार्य पूरा हुआ।
यह गिरिजाघर प्राचीन ‘गोथिक’ शैली में बना है, जो यूरोप में 12वीं शताब्दी के अंत से लेकर 16वीं शताब्दी तक प्रचलित थी। गिरिजाघर इसे लाल और सफेद रंग में रंगा गया है। गिरिजाघर के अनुयायी यहां एकत्रित होते हैं और प्रार्थना करते हैं। संरक्षकों एवं स्थानीय लोगों की मदद से यह गिरिजाघर आज स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
पादरी ने कहा कि इस गिरिजाघर को क्रिसमस के लिए सजाया जा रहा है। फर्नीचर और दीवारें पेंट की जा रही हैं। हमने इस गिरिजाघर के मुख्य हॉल में एक क्रिसमस ट्री लगाया है, जिसे गुब्बारों, सितारों, घंटियों और सैंटा के कटआउट से सजाया गया है।
ईसाई समुदाय के सदस्यों के अलावा, स्थानीय लोग भी गिरिजाघर में विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं।
पूर्व नगरपालिका प्रमुख राजीव साइक्लस ने बताया, ‘कैरोल गायन ज्यादातर ईसाई परिवारों द्वारा किया जाता है, लेकिन अन्य समुदायों के लोगों का भी स्वागत किया जाता है। कैरोल गायन समूह घर-घर जाता है, जहां उन्हें चाय और केक दिया जाता है।’
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, गिरिजाघर में अलाव जलाया जाता है और लोग सुबह की प्रार्थना के लिए इकट्ठा होते हैं। पादरी ने कहा कि आसपास के जिलों के लोग भी क्रिसमस मनाने गिरिजाघर आते हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम क्रिसमस के दिन ईसा मसीह के जीवन पर एक प्रदर्शनी भी लगाएंगे, जहां बच्चों के लिए एक खेल आयोजन के साथ-साथ उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।’
क्रिसमस के दिन उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा के जरूरी इंतजाम किए हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीकांत प्रजापति ने कहा, ‘क्रिसमस के दिन गिरिजाघर के पास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा, ताकि कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके और वाहनों की आवाजाही को प्रबंधित किया जा सके।’