बोल्ट की विदाई से एथलेटिक्स में आ जाएगा ‘शून्य’
बोल्ट की विदाई से एथलेटिक्स में आ जाएगा ‘शून्य’
ज्यूरिख। इस धरती के सबसे ते़ज पुरुष यूसेन बोल्ट अब अपने कैरियर को विराम देने वाले हैं जिससे विशेषज्ञ एथलेटिक्स की दुनिया में एक खालीपन आने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। विश्व चैंपियनशिप हो या ओलंपिक खेल जमैका के बोल्ट ने हर मंच पर अपना एक अलग मुकाम बनाया और देखते ही देखते इस दुनिया के सबसे तेज फर्राटा धावक बन बैठे। पिछले तीन ओलंपिक खेलों से लगातार अपनी धाक जमाते आ रहे बोल्ट हालांकि अब इन खेलों को अलविदा कह चुके हैं और अगले महीने विश्व चैंपियनशिप में अपनी आखिरी रेस के लिए उतरेंगे। बोल्ट की इस आखिरी रेस को लेकर अभी से एथलेटिक्स के प्रशंसकों में जुनून देखा जा रहा है लेकिन साथ ही जमैकन धावक की विदाई रेस के बाद ट्रैक एंड फील्ड में निकट भविष्य में उनकी कमी को भरने के लिए कोई और विकल्प सामने दिखाई नहीं दे रहा है। ३० वर्षीय बोल्ट ने पिछले तीन ओलंपिक खेलों में ’’्प्रिरंट डबल’’ पूरा किया है और यदि वर्ष २०११ डेगू में वह १०० मीटर फाइनल रेस के लिए अयोग्य करार नहीं दिए गए होते तो फर्राटा धावक ने आखिरी चार विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण का रिकार्ड भी अपने नाम कर लिया होता। डोपिंग को लेकर जहां दुनिया के कई दिग्गज खिला़डी फंसे हुए हैं वहीं बोल्ट ने अभी तक अपनी छवि को भी बेदाग रखा है और हमेशा खेलों में पारदर्शिता और ईमानदारी का समर्थन किया है। अगले महीने जब वह पूरी तरह ट्रैक एंड फील्ड को अलविदा कह देंगे तब भावी धावकों के लिए निश्चित ही वह एक आदर्श होंगे। लंदन रेस के बाद पोडियम पर १०० मीटर में बोल्ट के उत्तराधिकारी को लेकर अभी से चर्चा होने लगी है और कनाडा के ओलंपिक पदक विजेता धावक आंद्रे डी ग्रासे इस सूची में फिलहाल काफी आगे चल रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के अकानी सिमबाइन और थांडो रोटो को भी लंदन में बोल्ट के सामने ब़डी चुनौती माना जा रहा है। पूर्व २०० मीटर विश्व चैंपियन एटो बोल्डन ने कहा मार्च में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में इनके लिए तेज भागना मुश्किल होगा।