विश्वकप तक इसी लय में खेलने का लक्ष्य : धवन
विश्वकप तक इसी लय में खेलने का लक्ष्य : धवन
दांबुला। भारतीय सलामी बल्लेबा़ज शिखर धवन ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में अपनी मैन ऑफ द मैच पारी के बाद कहा है कि वर्ष २०१९ के विश्वकप तक उनका लक्ष्य इसी फार्म और फिटनेस को बनाकर खेलने का है और वह अभी रुकने वाले नहीं हैं। धवन ने दांबुला में रविवार को हुए पहले वनडे में ९० गेंदों में २० चौके और तीन छक्कों की मदद से नाबाद १३२ रन की पारी खेली थी और भारत की नौ विकेट की शानदार जीत में वह मैन ऑफ द मैच रहे थे। उन्होंने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, अभी मुझे अगले विश्वकप तक लंबा सफर तय करना है। मैं बस इसी तरह प्रदर्शन करना चाहता हूं। मेरा यही लक्ष्य है। उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि टीम में बहुत अच्छे बल्लेबा़ज मौजूद हैं और यदि मैं इस तरह से नहीं खेलूंगा तो कोई भी अन्य खिला़डी मेरी जगह ले लेगा। यह एक अहम बात है जो मेरे दिमाग में है और दूसरी अहम बात है कि मुझे अपनी फिटनेस को ऊंचे स्तर पर बनाए रखना होगा क्योंकि टीम में बाकी खिला़डी युवा हैं। मुझे अपने आप को फिट रखना होगा और मैच के हिसाब से खेलना है।सलामी बल्लेबा़ज ने कहा, मेरे पास इसके अलावा और कोई खास लक्ष्य नहीं है और न ही मेरा लक्ष्य रनों के किसी आंक़डे तक पहुंचने का है। मैं केवल फिटनेस, प्रदर्शन और फील्डिंग पर ही ध्यान केंद्रित करके खेल रहा हूं। धवन का इससे पहले चैंपियंस ट्राफी में भी कमाल का प्रदर्शन रहा था तथा टेस्ट सीरी़ज में भी उन्होंने जबरदस्त बल्लेबा़जी की थी जबकि उन्हें मुरली विजय की जगह बतौर वैकल्पिक खिला़डी टीम में शामिल किया गया था। ३१ वर्षीय धवन ने साथ ही कहा कि जब वह खराब दौर से गु़जर रहे थे तब उन्होंने काफी कुछ सीखा और उस दौरान भी वह सकारात्मक थे। उन्होंने कहा, विफलता आपको बहुत कुछ सिखाती है और मैंने भी इससे सीखा है। मैंने काफी खराब समय देखा है इसलिए मैं बहुत ज्यादा नहीं सोचता क्योंकि जब ऐसा होना होता है तो होता ही है। मैं तो उस समय का भी म़जा लेता हूं। जब मैं अच्छा नहीं खेल पा रहा था तब भी सीख रहा था और अब भी मैं खेल के बारे में सीख रहा हूं क्योंकि यह एक प्रक्रिया का हिस्सा है। श्रीलंका दौरे पर तीन शतक लगा चुके सलामी बल्लेबा़ज ने अपनी मौजूदा फार्म को २०१३ चैंपियंस ट्राफी की फार्म से तुलना करते हुए कहा, जब मैंने वर्ष २०१३ चैंपियंस ट्राफी के लिए वनडे टीम में वापसी की थी तब भी मैं इसी लय में खेल रहा था और इस बार लंदन में चैंपिंयस ट्राफी में भी मैंने वैसा ही प्रदर्शन किया। मैं उसी लय में हूं। टीम में गब्बर के नाम से मशहूर बल्लेबा़ज ने कहा, मैं कहूं तो जब मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण किया था तब भी मैं ऐसा ही खेलता था या फिर जैसा मैंने गाले में यहां पहले टेस्ट में खेला था। मैं बिल्कुल उसी समय की तरह खेल रहा हूं। मैं अपने लिए उसी मंत्र को बार-बार इस्तेमाल करता रहता हूं। गेंदों के लिहा़ज से भारत ने इस मैच में अपनी ब़डी जीत दर्ज की। वहीं कप्तान विराट कोहली ने कहा कि पिच बल्लेबा़जी के लिहा़ज से बहुत अच्छी थी। धवन ने इस बाबत कहा कि उन्हें पिच को लेकर उतनी चिंता नहीं रही। उन्होंने कहा, मैं पिच के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। मैं केवल गेंद को देख रहा था और मुझे लगा कि पिच बहुत अच्छी है जिस तरह से श्रीलंका ने खेलना शुरू किया हमें ३०० के लक्ष्य की उम्मीद थी। खराब दौर से गु़जर रही श्रीलंकाई टीम को लेकर धवन ने माना कि यह एक नई और युवाओं की टीम है और बदलाव से गु़जर रही है। उन्हें यकीन है कि वक्त के साथ टीम में सुधार देखने को मिलेगा।