सेमीफाइनल में टीम मिताली के सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती

सेमीफाइनल में टीम मिताली के सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती

डर्बी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी विश्वकप में इतिहास रचने से अब बस चंद कदम की दूरी पर है लेकिन उससे पहले मिताली एंड कंपनी को दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में गुरुवार को छह बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की चुनौती से पार पाना होगा। भारतीय महिला टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ १८६ रन की अपनी जबरदस्त जीत की बदौलत विश्वकप के सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी लेकिन दूसरे सेमीफाइनल में उसके लिए राह काफी मुश्किल होने वाली है जहां वह टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया का सामना करेगी जिसके खिलाफ उसका पिछला रिकार्ड खास नहीं रहा है। लेकिन यदि टीम इंडिया को पहली बार विश्वकप चैंपियन बनकर इतिहास रचना है तो उसे फाइनल का टिकट पाने के लिए इस चैंपियन टीम को उलटफेर का शिकार बनाना होगा। इंग्लैंड की टीम दक्षिण अफ्रीका को पहले सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में जगह बना चुकी है जिसे भारत इस टूर्नामेंट में अपने पहले ही मैच में ३५ रन से शिकस्त दे चुका है।भारतीय टीम इस समय जबरदस्त लय में है और उसने टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया है। कप्तान और स्टार बल्लेबाज मिताली वनडे में सर्वाधिक रन बनाने वाली खिला़डी हैं तो झूलन गोस्वामी अनुभवी और सफल गेंदबाज हैं। टीम के पास बेहतरीन बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम है जिसने अब तक खुद को साबित किया है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी चुनौती सबसे ब़डी होगी जिससे पिछले ४२ मैचों में उसने ३४ मैच गंवाए हैं। भारतीय टीम ने इससे पहले वर्ष २००५ में पहली और एकमात्र बार विश्वकप के फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन उसे फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों ही ९८ रन से हार झेलनी प़डी थी। यदि भारतीय महिलाएं इस बार भी फाइनल का टिकट जीतती हैं तो यह दूसरा मौका ही होगा जब वह टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में पहुंचेगी। वैसे ग्रुप चरण के मैचों को देखें तो ऑस्ट्रेलिया ने सात में से छह मैच जीते और दूसरे पायदान पर रही जबकि भारत ने इतने मैचों में लगातार चार मैच जीते थे लेकिन फिर उसे दक्षिण अफ्रीका से ११५ रन और ऑस्ट्रेलिया से आठ विकेट से हार झेलनी प़ड गई। हालांकि न्यूजीलैंड पर जीत से उसने सेमीफाइनल का टिकट हासिल कर लिया लेकिन एक बार फिर उसे गत चैंपियन टीम का सामना करना होगा।भारत के पास वैसे अच्छा बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम है और उससे उलटफेर की उम्मीद की जा सकती है। बल्लेबाजों में मिताली टीम की शीर्ष स्कोरर हैं जिन्होंने तीन अर्धशतक और एक शतक सहित ३५६ रन बनाए हैं। वहीं पूनम राउत, स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा और हरमनप्रीत कौर भी टीम की बेहतरीन बल्लेबाज हैं जो रनों के लिहाज से अहम योगदान दे रही हैं।गेंदबाजों में दीप्ति शर्मा और एकता बिष्ट टूर्नामेंट में ९-९ विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज रही हैं जबकि पूनम यादव (आठ विकेट) तीसरी सबसे सफल गेंदबाज हैं। वहीं वनडे में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकार्ड अपने नाम रखने वाली झूलन गोस्वामी अनुभवी खिला़डी हैं। भारतीय कप्तान मिताली भले ही ऑस्ट्रेलिया को हराने का भरोसा दिखा रही हों लेकिन छह बार की ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने महिलाओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा ताकि वह फाइनल का टिकट हासिल कर सकें। ऑस्ट्रेलिया के पास निकोल बोल्टन, बेथ मूनी, कप्तान मेग लैनिंग और एलिस पैरी जबरदस्त बल्लेबाज हैं। इन सभी खिलाि़डयों ने पिछले मैच में भारत के खिलाफ कमाल की पारियां खेली थीं। वहीं गेंदबाजों में कस्टर्न बीम्स ११ विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज हैं तो मेगन शुट, एलीस पैरी, जैस जोनासीन (नौ-नौ विकेट) लेकर अन्य सफल गेंदबाजों में और निरंतर अच्छा खेल रही हैं।

डर्बी। भारतीय कप्तान मिताली राज का मानना है कि अगर भारत ऑस्ट्रेलिया को हरा देता है तो यह बेहतरीन होगा और उन्होंने साथ ही कहा कि गुरुवार को यहां आईसीसी महिला विश्व कप सेमीफाइनल में उनकी टीम को घरेलू हालात का फायदा मिलेगा। मिताली ने कहा, हमने ग्रुप चरण के चार मैच यहां खेले हैं, इसलिए हम हालात से वाकिफ हैं और यह हमारे लिए फायदे की स्थिति है। उन्होंने कहा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की टीम काफी अच्छी है। उन्होंने इस टूर्नामेंट का पिछला सत्र जीता था और उनके पास काफी खिला़डी हैं जो काफी दबाव वाले मैचों में खेली हैं। मिताली बल्ले से शानदार फार्म में हैं और उन्होंने सात पारियों में ३५६ रन बनाए और इस दौरान एकदिवसीय क्रिकेट में ६००० रन बनाने वाली पहली महिला खिला़डी बनी। राउंड रोबिन चरण में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के दौरान मिताली ने ६९ रन की पारी खेली थी लेकिन उनका मानना है कि जब भारत गत विश्व चैंपियन से भि़डेगा तो पुराना रिकार्ड कोई मायने नहीं रखेगा। उन्होंने कहा, यह इस पर निर्भर करता है कि उस दिन टीमें हालात और स्थिति से कैसे निपटती हैं। भारतीय कप्तान ने कहा, खिला़डी हालात के अनुसार कैसे खेलती हैं यह महत्वपूर्ण है क्योंकि डर्बी हमारा घरेलू मैदान रहा है और आपको जीतने के लिए उस दिन अच्छा प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा, लेकिन इस भारतीय टीम के लिए यह ब़डा मैच होगा और अगर हम एक जीत दर्ज कर पाए तो यह टीम के लिए बेहतरीन होगा। टूर्नामेंट में अब तक ५६ .१६ की औसत से ३३७ रन बनाने वाली ऑस्ट्रेलिया की निकोल बोल्टन को भरोसा है कि उनकी टीम हालात से तेजी से सामंजस्य बैठा सकती है और लॉर्ड्स में होने वाले फाइनल में जगह बनाएगी।

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