बैंक के बाहर ग्राहकों की कतार, अंदर बैंककर्मी बेहाल

बैंक के बाहर ग्राहकों की कतार, अंदर बैंककर्मी बेहाल

लखनऊ/पटना। उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न इलाकों में नोटों की अदला बदली के तीसरे रोज भी बैंक शाखाओं के बाहर लगी लंबी कतार कम होने का नाम नही ले रही हैं वहीं सुबह से देर शाम तक ड्यूटी पर जमे बैंककर्मी अतिव्यस्तता के चलते उच्च रक्तचाप और हाईपर टेंशन का शिकार होने लगे हैं। बलिया से लेकर गाजियाबाद तक समूचे प्रदेश में ५०० और १००० रुपए के नोटों को बदलने वाले और पुराने नोटों को खाते में जमा कराने वाले लोगों की कतार त़डके से ही देखी जा सकती है। विभिन्न बैंकों के एटीएम पर भी लगी लंबी कतार इशारा करती है कि लोगों की जरूरत के अनुसार अभी पूरा पैसा मिला नही है। बच्चे से लेकर उम्रदराज लोग कतार पर लगकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करते देखे जा सकते हैं जबकि कई को पैसे न मिलने से मायूस होकर बैंक प्रशासन और सरकार की आलोचना करते हुए घर वापस लौटते देखा जा सकता है। लगभग हर बैंक शाखा में सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम होने के बावजूद छिटपुट झडप की घटनाएं आम हो चुकी है। इस दौरान कई ग्राहकों को बैंककर्मियों से बेवजह उलझते देखा जा सकता है। काम के दवाब से झटपटाते बैंककर्मियों को ग्राहकों का यह अंदाज कतई नही भा रहा है। कई मौकों पर बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में महिला कर्मियों से अभद्र टिप्पणी करने वाले ग्राहकों को मामूली चेतावनी के बाद बैंक से बाहर कर दिया गया। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में स्थित एक बैंक में कार्यरत महिलाकर्मी ने अपनी पीडा साझा करते हुए कहा, कालेधन पर अंकुश लगाने का सरकार का फैसला निसंदेह अच्छा है मगर इस फैसले ने हमारी रात की नींद और दिन का चैन उ़डा दिया है। हम लोगों को सुबह आठ बजे तक बैंक पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। बैंक कर्मी ने कहा, जल्द बैंक पहुंचने की हडबडाहट में घरेलू कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुए है जबकि शाम को आठ बजे के बाद हम बैंक से वापस लौट पा रहे हैं। १२ घंटे से अधिक की ड्यूटी के दौरान दोपहर का भोजन और चाय भी ठीक से नही ले सकते। उधर ग्राहक जरा सी गलती पर गालीगलौच कर रहा है। हरदोई जिले में स्थित एक बैंक के शाखा प्रबंधक ने कहा, हम अपना काम पूरी संजीदगी और इमानदारी से कर रहे हैं मगर बैंक से बाहर कतार में खडे ग्राहक को इससे कोई मतलब नही है। वह सिर्फ जल्द से जल्द अपना पैसा चाहता है। बैंक ने नोट बदलने के लिए एक विशेष साफ्टवेयर तैयार किया है जिस पर नोट बदलने की दशा में ग्राहक की आईडी से कुछ इंट्री करनी पडती है जिसमें कुछ समय लगना जो वाजिब है और यदि लेनदेन में जरा सी चूक हो जाए तो जेब से पैसा भरना प़डेगा और विभागीय जांच का खतरा अलग। ग्राहकों को हमारे जोखिम की भी परवाह करनी चाहिए।झांसी में कार्यरत एक बैंक अधिकारी ने कहा, काम का दवाब इस कदर है कि तीन दिन से नींद भी पूरी नही हो सकती है। सुबह सात बजे बैंक के लिए निकलना प़ड रहा है जबकि सारा कामकाज निपटा कर रात ११ बजे बैंक से वापस घर लौट रहा हूं। उधर लाइन में ख़डा ग्राहक बात-बात पर नारेबाजी और हमसे गालीगलौच कर रहा है। हमारे सहयोगियों पर चिडचिडाहट हावी होने लगी है। कुछ महिला कर्मियों को हाई ब्लड प्रेशर के कारण कुछ समय के लिए आराम दिया गया है।

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बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को एटीएम से पैसे निकालने के लिए लाइन में लगे हुए लोग।

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