सीमा प्रहरी होंगे तीव्र सक्षम
सीमा प्रहरी होंगे तीव्र सक्षम
हर अनुभव हमें बेहतरी की ओर ब़ढने का अवसर देता है। हमारी सेना ने ७३ दिन तक चले डोकलाम गतिरोध और इससे पहले भी चीनी सेना के कई बार भारतीय सीमा में प्रवेश की अवांछित घटनाओं के मद्देनजर चीन की सीमा पर स़डक ढांचे को दुरुस्त करने का फैसला लिया है। सेना ने अपने कोर इंजीनियरों को पूरे जोरशोर से ३,४८८ किलोमीटर लंबे सीमाई इलाके में स़डक निर्माण कार्य को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी सौंपी है ताकि सैनिकों की तेज और सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो सके। पहा़ड काटने से लेकर स़डकें बिछाने की कई उन्नत मशीनों और उपकरणों के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं। इसके अलावा जवानों की तेज आवाजाही के लिए असॉल्ट ट्रैक की खरीददारी की जा रही है। बताया गया है कि सेना मुख्यालय ने बारूदी सुरंगों का पता लगाने की कोर इंजीनियरों की क्षमता ब़ढाने के लिए एक हजार से ज्यादा दोहरे ट्रैक माइन डिटेक्टरों के ऑर्डर भी दिए हैं।सेना डोकलाम गतिरोध के बाद चीन भारत सीमा पर आधारभूत ढांचे पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। चीनी सेना द्वारा विवादित क्षेत्र में स़डक निर्माण को भारतीय सेना द्वारा रोक दिए जाने के बाद १६ जून से डोकलाम में ७३ दिनों तक भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध बना रहा और अंतत: यह गतिरोध २८ अगस्त को खत्म हुआ। इससे पहले भारततिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी के ५६वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिेंह ने कहा था कि सरकार भारतचीन सीमा पर आईटीबीपी की ५० और चौकियां बनाने और ऊंचाई पर स्थित इसकी सभी चौकियों पर तापमान पूरे साल २० डिग्री सेल्सियस पर बरकरार रखने के लिए नई तकनीक अपनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने आईटीबीपी की क्षमता ब़ढाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा भी की थी। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में २५ सीमाई स़डकों का निर्माण, नौ हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए विशेष रूप से कम वजन वाले गर्म कप़डे और ३,४८८ किलोमीटर लंबी भारतीय चीनी सीमा के अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में गश्त के लिए चलने वाले स्कूटरों का विस्तारित बे़डा उपलब्ध करवाना आदि शामिल थे। मौजूदा तौर पर भारतचीन सीमा पर हमारी १७६ चौकियां हैं, जो रातदिन सीमा की निगहबानी में मुस्तैदी से जुटी हुई हैं। यहां अत्यधिक ऊंचाई वाली आईटीबीपी चौकिेयों पर कम से कम २० डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखने की टेक्नोलॉजी अपनाने का मकसद दरअसल यह सुनिश्चित करना है कि अग्रिम सीमा चौकियां अत्यधिक हिमपात व अत्यधिक ठंड के दौरान अलगथलग न प़ड जाएं। पहले ही लद्दाख में ऐसी ही एक मॉडल चौकी बनाई जा चुकी है। अब सिक्किम में और चीनी सीमा के पूर्वी हिस्से में ऐसी ही अन्य चौकियां बनाई जानी हैं।