जियोमीट, 5जी, गूगल … आरआईएल की वार्षिक आम बैठक में यह बोले मुकेश अंबानी
जियोमीट, 5जी, गूगल … आरआईएल की वार्षिक आम बैठक में यह बोले मुकेश अंबानी
मुंबई/भाषा। देश के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि भारत की सबसे पहली क्लाउड-आधारित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जियोमीट को शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर 50 लाख लोगों ने डाउनलोड कर लिया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस सप्ताह के शुरू में वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा देने वाली ऐप जियोमीट को बाजार में उतारा था। इसमें असीमित मुफ्त कॉल की सुविधा दी गई है। इसे प्रतिद्वंद्वी कंपनी जूम के समक्ष शुल्क युद्ध के तौर पर देखा जा रहा है। जियो मीट की यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप एंड्रॉइड, आईओएस, विंडोज, मैकओएस और वेब पर उपलब्ध है।रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की 43वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि जियोमीट को जारी करने के कुछ दिन के भीतर ही 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने डाउनलोड किया है।
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक जियोमीट 100 भागीदारों के साथ एचडी ऑडियो और वीडियो कॉल की सुविधा देती है। इसमें स्क्रीन शेयरिंग और बैठक की समयसारिणी जैसे फीचर भी उपलब्ध हैं।
इस दौरान मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स में 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए गूगल 33,737 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि गूगल के निवेश के साथ ही जियो प्लेटफॉर्म्स के लिए पूंजी जुटाने का काम पूरा हो गया है। मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो देश में संपूर्ण 5जी समाधान विकसित कर रही है, 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होते ही इसका जल्द से जल्द से परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स में एक रणनीतिक निवेशक के तौर पर हम गूगल का स्वागत करते हैं। हमने एक पक्का सौदा किया है जिसके तहत जियो प्लेटफॉर्म्स में गूगल 33,737 करोड़ रुपए का निवेश कर के 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त करेगी। उन्होंने कहा कि गूगल के निवेश के साथ ही जियो प्लेटफॉर्म्स के लिए पूंजी जुटाने का वर्तमान अभियान पूरा हो जाएगा। पिछले तीन महीनों से भी कम वक्त में रिलायंस ने 2,12,809 करोड़ रुपए का निवेश जुटाया है।
उल्लेखनीय है इसमें फेसबुक का जियो प्लेटफॉर्म्स में करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदना, ब्रिटेन की बीपी का निवेश और कंपनी का राइट्स इश्यू के माध्यम से 53,124 करोड़ रुपए की पूंजी शामिल है। अंबानी ने कहा, ‘यह राशि कंपनी के शुद्ध ऋण से अधिक है। वित्त वर्ष 2019-20 की समाप्ति पर कंपनी का शुद्ध ऋण 1,61,035 करोड़ रुपए था। रिलायंस अब सही मायनों में शुद्ध ऋण से मुक्त कंपनी हो गई है, यह उपलब्धि कंपनी ने अपने ऋणमुक्त होने के घोषित लक्ष्य मार्च 2021 से बहुत पहले प्राप्त कर ली है।’
उन्होंने कहा कि हमारी बही-खाते की मजबूत स्थिति कारोबार के विस्तार की कंपनी की योजनाओं में सहयोग करेगी। कंपनी अपने कारोबार के तीनों महत्वपूर्ण क्षेत्रों जियो प्लेटफार्म्स, खुदरा कारोबार और तेल-से-रसायन कारोबार पर ध्यान दे रही है।
अंबानी ने कहा कि उनके समूह के खुदरा उद्यम में रणनीतिक और वित्तीय निवेशक मजबूत दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अगली कुछ तिमाहियों में रिलायंस रिटेल में वैश्विक साझेदारों और निवेशकों को शामिल करेंगे।’ रिलायंस रिटेल ने पहले ही अपने ई-वाणिज्य व्यवसाय की परीक्षण आधार पर शुरुआत कर दी है।
अंबानी ने कहा, ‘हमने किराना भागीदारों के साथ जियोमार्ट किराने के मॉडल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। जियोमार्ट किराने के प्लेटफॉर्म का बीटा संस्करण 200 शहरों में चलाया जा रहा है। दैनिक ऑर्डर 2.5 लाख को पार कर चुके हैं, और संख्या हर दिन बढ़ रही है।’
उन्होंने कहा कि किसानों को साथ में जोड़ना और उनकी ताजा उपज सीधे घरों तक पहुंचाना कंपनी की किराना रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘इससे किसानों की आय में काफी सुधार होगा और उच्च उत्पादकता को प्रोत्साहन मिलेगा।’
रिलायंस रिटेल के 12 हजार स्टोर में से दो-तिहाई से अधिक स्टोर टियर 2, टियर 3 और टियर 4 शहरों में संचालित हैं। उन्होंने कहा, ‘ये स्टोर 80 प्रतिशत से अधिक फल और सब्जी सीधे किसानों से खरीदते हैं।’
अंबानी ने कहा, ‘जियो ने शून्य से प्रारंभ कर पूर्णतया अपना 5जी समाधान डिजाइन और विकसित किया है। यह परीक्षण के लिए तैयार है। अगले साल जितने जल्दी 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा उतनी ही जल्दी हम इसका प्रायोगिक परीक्षण शुरू कर देंगे।’
उन्होंने कहा कि जियो का विश्वस्तरीय 4जी और फाइबर नेटवर्क विभिन्न सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकियों और उपकरणों से संचालित होता है। ‘जियो की यह क्षमता उसे एक और अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी 5जी के लिए अग्रणी स्थिति में रखती है।’
अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20से अधिक स्टार्टअप कंपनियों के साथ मिलकर 4जी, 5जी, क्लाउड कंप्यूटिंग, उपकरण और ऑपरेटिंग सिस्टम्स, बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन, स्वभाविक तरीके से भाषा की समझ और कंप्यूटर दृष्टिकोण इत्यादि प्रौद्योगिकी से जुड़ी विश्वस्तरीय क्षमताओं को विकसित किया है।
उन्होंने कहा, ‘इन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर हम मीडिया, वित्तीय सेवा, नये वाणिज्य (ई-वाणिज्य), शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट विनिर्माण और स्मार्ट परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए समाधान उपलब्ध करा सकते हैं।’
अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने मौलिक बौद्धिक संपदा अधिकार पर आधारित विकास के दृष्टिकोण को अपनाया है। इसका उपयोग कर हम पहले भारत और बाद में दुनियाभर में विभिन्न पारितंत्रों के लिए बदलती प्रौद्योगिकी की शक्ति का प्रदर्शन कर सकते हैं।
रिलायंस के प्रमुख ने कहा कि अगले तीन साल में जियो के मोबाइल ग्राहकों की संख्या करीब 50 करोड़ होगी। साथ ही जियो करीब एक अरब स्मार्ट सेंसर और पांच करोड़ घरों और कारोबारी प्रतिष्ठानों को भी अपने नेटवर्क से जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि हमने डिजिटल कनेक्टिविटी की वृद्धि के पांच प्रमुख क्षेत्र मोबाइल ब्रॉडबैंड, जियो फाइबर, जियो व्यापारिक प्रतिष्ठान ब्रॉडबैंड, लघु उद्यमों के लिए ब्रॉडबैंड और जियो की नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेवा को पूरी तरह शुरू कर दिया है।
वहीं, मुकेश अंबानी की पत्नी एवं रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने भी रिलायंस एजीएम को संबोधित किया। उन्होंने कोरोना संकट के मद्देनजर रिलायंस फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिशन अन्न सेवा के माध्यम से 5 करोड़ से ज्यादा गरीबों, श्रमिकों और कार्यकर्ताओं को भोजन सामग्री मुहैया कराई गई।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में पीपीई किट निर्माण से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराने के लिए रिलायंस फाउंडेशन ने लगातार काम किया।