भारत के पास डिजिटल समाज बनने का अवसर, शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा देश: मुकेश अंबानी

भारत के पास डिजिटल समाज बनने का अवसर, शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा देश: मुकेश अंबानी

उद्योगपति मुकेश अंबानी

मुंबई/भाषा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि आज देश का मोबाइल नेटवर्क दुनिया के किसी भी नेटवर्क से बेहतर या उसके समकक्ष हो चुका है, ऐसे में भारत के पास एक ‘प्रमुख डिजिटल समाज’ बनने का अवसर है। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि अगले एक दशक में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा।

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माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला की भारत यात्रा के मौके पर सोमवार को आयोजित ‘फ्यूचर डिकोडेड सीईओ सम्मेलन’ के मौके पर उनके साथ (नडेला) के साथ बातचीत में अंबानी ने कहा कि इस बड़े बदलाव में मोबाइल नेटवर्क का फैलाव प्रमुख भूमिका निभा रहा है। यह पहले की तुलना में अधिक तेजी से काम कर रहा है।

अंबानी ने कहा, मैं आसानी से कह सकता हूं कि भारत में अब मोबाइल नेटवर्क दुनिया के किसी भी नेटवर्क से बेहतर या उसके समकक्ष है। उन्होंने कहा, आज हमारे पास भारत के लिए जो अवसर है, वह वास्तव में हमारे लिए दुनिया में एक प्रमुख डिजिटल समाज बनने का मौका है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख ने कहा, मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ इस पर बहस की गुंजाइश है कि यह पांच साल में होगा या दस साल में, लेकिन यह होगा जरूर।

उन्होंने कहा कि जब ऐसा होगा तो क्या हम दुनिया के सबसे प्रौद्योगिकी अनुकूल समाज होंगे? क्या हमारा सारा विकास प्रौद्योगिकी के उपलब्ध साधनों के जरिए होगा? क्या सभी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने के मामले में हम गति तय करने वाले होंगे? बाजार मूल्य पर आधारित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिहाज से भारत पिछले साल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। भारत ने इस मामले में फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ा। अब हम सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे हैं।

पिछले दशक के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज रही है। इस दौरान भारत ने वार्षिक आधार पर छह से सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। अंबानी ने कहा कि जब 1992 में नडेला माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े थे तो भारतीय अर्थव्यवस्था 300 अरब डॉलर की थी। आज भारत की अर्थव्यवस्था 3,000 अरब डॉलर है। बुनियादी रूप से यह सारी प्रगति प्रौद्योगिकी के जरिए हुई है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इन्फोसिस ने प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाया। इससे वित्तीय और आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई। अंबानी ने कहा, 2014 में प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत के दृष्टिकोण के साथ इसे रफ्तार मिली। 38 करोड़ लोग अब जियो की 4जी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जियो से पहले डेटा की रफ्तार 256 केबीपीएस थी। जियो के बाद यह 21 एमबीपीएस तक पहुंच गई है।

अंबानी ने कहा कि जियो से पहले देश में डेटा का मूल्य 300 से 500 रुपए प्रति जीबी था। देश के सबसे गरीब 2जी का इस्तेमाल करने वालों के लिए यह 10,000 रुपए एक जीबी थी। जियो के बाद यह कीमत घटकर 12 से 14 रुपए प्रति जीबी रह गई है।

देश के सबसे अमीर व्यक्ति अंबानी ने कहा, हमने हाल में यूपीआई पेश किया है और दिसंबर में डिजिटलीकरण किया। हमने 100 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की। देश में कुल यूपीआई लेनदेन दो लाख करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। हम रफ्तार बढ़ा रहे हैं। हम पूरी यात्रा के शुरुआती चरण में हैं। अंबानी ने कहा कि गेमिंग आगे पासा पलटने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि संगीत, फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों सभी को मिलाने के बाद भी गेमिंग उनसे बड़ा होगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने भारत को बदलने का मौका दिया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा का उल्लेख करते हुए अंबानी ने कहा कि आज उन्हें जो भारत दिखाई देगा, वह उनके पूर्ववर्तियों जिम्मी कार्टर, बिल क्लिंटन या बराक ओबामा ने जैसा भारत देखा है, उससे भिन्न होगा। अंबानी ने कहा कि मोबाइल ‘कनेक्टिविटी’ एक बड़ा बदलाव है।

उन्होंने कहा कि भारत में हमारे पास एक प्रमुख डिजिटल समाज बनने का अवसर है। अंबानी ने नडेला की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगली पीढ़ी काफी अलग भारत देखेगी। यह उस भारत से भिन्न होगा जिसमें आप और हम पले—बढ़े हैं।

उन्होंने कहा कि आज जो लाखों लोग ट्रंप के स्वागत के लिए सड़कों पर जुटे हैं, उनके पास उनके मोबाइल फोन पर एक मजबूत नेटवर्क का व्यक्तिगत अनुभव होगा। अंबानी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण बुनियादी ढांचे के सृजन का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि डिजिटल के रूप में यह स्टेडियम दुनिया के किसी अन्य स्थान से बेहतर होगा।

अंबानी ने कहा कि रिलायंस की स्थापना उनके पिता पांच दशक पूर्व एक स्टार्टअप के रूप में एक कुर्सी-मेज और 1,000 रुपए की पूंजी के साथ की थी। पहले यह सूक्ष्म उपक्रम बना, फिर लघु उद्योग और उसके बाद एक बड़ा उपक्रम। अंबानी ने कहा, मैं ऐसा सिर्फ यह बताने के लिए कह रहा हूं कि भारत में सभी छोटे कारोबारी और उद्यमियों के पास धीरूभाई अंबानी या बिल गेट्स बनने का अवसर है। यह शक्ति है, जो भारत को शेष दुनिया से अलग करती है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर हमारे उद्यमिता की विराट शक्ति है।

अंबानी ने कहा कि लघु और मझोले उपक्रम 70 प्रतिशत भारतीयों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं। देश के निर्यात में इनका हिस्सा 40 प्रतिशत का है। उन्होंने कहा, आज हम जो आर्थिक गतिविधियां देखते हैं, उन सभी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह सब शून्य तकनीकी अपनाकर हासिल किया है। ऐसे में अब हमारे पास प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण के निचले स्तर से ऐसी प्रौद्योगिकी अपनाने का अवसर है जिससे देश को आगे ले जाया जा सके।

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