रेपो रेट में कटौती: जानिए, मोदी सरकार 2.0 आते ही आपकी जेब को कितनी राहत मिली

रेपो रेट में कटौती: जानिए, मोदी सरकार 2.0 आते ही आपकी जेब को कितनी राहत मिली

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

मुंबई/भाषा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बृहस्पतिवार को घोषित 2019-20 की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के मुख्य बिंदु निम्न हैं:

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1. रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती। रेपो दर अब 5.75 प्रतिशत।

2. रिवर्स रेपो 5.50 प्रतिशत, उधार की सीमांत स्थायी सुविधा पर ब्याज दर छह प्रतिशत।

3. रिजर्व बैंक का नीतिगत रुख ‘तटस्थ’ से हुआ ‘नरम’।

4. वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया गया।

5. खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान बढ़ाकर अप्रैल-सितंबर के लिए 3.0-3.1 प्रतिशत और अक्टूबर-मार्च के लिए 3.40-3.70 प्रतिशत किया गया।

6. निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान।

7. मानसून की अनिश्चितता, सब्जियों की कीमतों में बेमौसम तेजी, कच्चा तेल की बढ़ती कीमतें, वित्तीय बाजार का उथल-पुथल और राजकोषीय परिदृश्य के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम।

8. डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क समाप्त।

9. एटीएम शुल्क, बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की समीक्षा के लिए समिति का गठन।

10. छोटे वित्तीय बैंकों के लिये सदा सुलभ लाइसेंसिंग पर दिशानिर्देशों का प्रस्ताव अगस्त तक।

11. निवेश में तेज गिरावट और निजी खपत की वृद्धि हल्की होने पर चिंता।

12. मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाने का पक्ष लिया।

13. जून की शुरुआत में बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकद/नकद समतुल्य धन) का औसत दैनिक अतिरेक 66 हजार करोड़ रुपए था।

14. विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार 31 मई 2019 को 421.90 अरब डॉलर था।

15. मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा सात अगस्त को।

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