मैसूरु/दक्षिण भारतचामुंडी पहाि़डयों के शिखर पर स्थित मैसूरु की अधिष्ठात्री देवी चामुंडेश्वरी मंदिर में आज भक्तों का सैलाब आ गया। मौका बेहद खास था। शुक्रवार को वरदांति महोत्सव आयोजित किया गया था, जिसे देवी चामुंडेश्वरी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में बेहद श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ आयोजित किया जाता है। इस मौके पर आज सुबह से ही श्रद्धालुओं के चामुंडेश्वरी पहा़डी की चोटी तक पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। लोग अपनी इष्ट देवी के पवित्र दर्शनों के लिए लालायित दिखे। चूंकि इस वर्ष देवी वरदांति महोत्सव संयोग से आषा़ढ महीने के तीसरे शुक्रवार का संयोग हुआ, इसलिए इसका महत्व भी दोगुना हो गया। लोगों ने पूर्ण भक्ति भाव के साथ मंदिर पहुंचकर देवी की पूजा-अर्चना की। महोत्सव की शुरुआत देवी की प्रशंसा में लिखे गए वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ हुई। इसके बाद देवी का रुद्राभिषेक, पंचामृत अभिषेक, सहस्र नामार्चने और महा मंगलारती की गई। इन रस्मों के दौरान मंदिर में मैसूरु के शाही राजघराने के उत्तराधिकारी यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडेयार, उनकी पत्नी तृषिका कुमारी वाडेयार और श्रीमती प्रमोदा देवी वाडेयार मौजूद थीं। राजघराने के सदस्यों ने देवी चामुंडेश्वरी की प्रतिमा रखी पालकी को अपने कंधों पर उठाया। यह पालकी मैसूरु राजमहल से विशेष रूप से वरदांति महोत्सव के लिए ही मंदिर परिसर में मंगवाई गई थी। वरदांति महोत्सव के मौके पर देवी चामुंडेश्वरी की फूलों, विभिन्न रंगों के आभूषणों और अन्य सामग्री से सजावट की गई। भक्तों ने श्रद्धाभाव के साथ उनके जयकारे लगाए और उनकी पालकी के साथ मंदिर की परिक्रमा की। इस मौके पर राज्य के लोकनिर्माण मंत्री एचडी रेवन्ना, उनकी पत्नी भवानी रेवन्ना, वन मंत्री आर शंकर और अन्य विशेष हस्तियों ने भी देवी की विशेष पूजा-अर्चना की।