मम्मी को पापा ने ही 16वें फ्लोर से दिया था धक्का, मृतक किरण भाटिया के बेटे ने कहा –
मम्मी को पापा ने ही 16वें फ्लोर से दिया था धक्का, मृतक किरण भाटिया के बेटे ने कहा –
बेंगलूरु/दक्षिण भारतशहर में यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के पास गोल्डन ग्रांड अपार्टमेंट के १६वें फ्लोर से गिरने से ४३ वर्षीय किरण भाटिया की गत २६ अगस्त को संदेहास्पद स्थितियों में मृत्यु हो गई थी। यह समझा गया था कि शायद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी परन्तु अब इस घटना में एक चौंकाने वाला नया खुलासा किया है मृतक किरण के २२ वर्षीय पुत्र हर्षल भाटिया ने। हर्षल ने शहर के पुलिस आयुक्त टी. सुनीलकुमार से भेंट की और उन्हें बताया कि उन्होंने (हर्षल ने) स्वयं ने अपने पिता को देखा था कि वह मम्मी को १६वीं मंजिल की बालकनी से धकेल रहे थे। पुलिस आयुक्त सुनील कुमार ने हर्षल भाटिया की बात धैर्य से सुनने के बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त (उत्तर) चेतन सिंह राठौ़ड को आवश्यक दिशा निर्देश देकर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा।हर्षल का कहना है कि उन्होंने १२ सितंबर को पुलिस आयुक्त से संपर्क किया था, जिन्होंने भरपूर सहयोग करते हुए उपायुक्त को उचित निर्देश दिए और उपायुक्त चेतनसिंह राठौ़ड ने भी बिना समय गंवाए मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा १६४ के तहत हर्षल और उनकी बहन के वक्तव्य करा दिए। अब उन्हें आस बंधी है कि उन्हें न्याय मिलेगा। यह मामला आरएमसी यार्ड पुलिस थाने के अंतर्गत आता है और एफआईआर वहीं दर्ज हुई थी। हर्षल का कहना है कि उन्होंने प्रथम सूचना रिपोर्ट में जो वक्तव्य दिया था, वह वैसा का वैसा दर्ज नहीं किया गया और उसे मोडीफाइड करके कुछ इस तरह से दर्ज किया गया जिससे हत्या का प्रयास करने की धाराओं के बजाय हत्या के लिए उकसाने का मामला (धारा ३०६) बने। हर्षल का कहना है कि वह कन्ऩड भाषा प़ढना लिखना नहीं जानते इसलिए उन्हें नहीं पता था कि पुलिस ने जिस वक्तव्य पर हस्ताक्षर करवाये उसमें वास्तव में बहुत कुछ बदलकर लिखा गया था।घटना के बाद हर्षल अपने परिजनों संग राजस्थान चले गए। हर्षल ने अपने मूल प्रदेश राजस्थान जाकर वापस लौटने के बाद आरएमसी यार्ड पुलिस से संपर्क किया और उन्हें बताया कि वे अपने ४८ वर्षीय पिता देवेन्द्र भाटिया के खिलाफ नये सिरे से कुछ शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं और महत्वपूर्ण खुलासा भी करना चाहते हैं परन्तु क्षेत्रीय पुलिस ने उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं दिया। तब उन्होंने लिखित में नगर पुलिस आयुक्त को शिकायत की और बात आगे ब़ढी।हर्षल का कहना है कि मामले का जांच अधिकारी है वह थाने का इंस्पेक्टर ही है और बताया जाता है कि उसी अपार्टमेंट में रहता है जिसमें स्वयं आरोपी भी रह रहा है तथा आरोपी से उनकी अच्छी जान पहचान है। इसलिए उन्हें इन जांच अधिकारी पर भरोसा नहीं है। हर्षल ने कहा कि वह और उनकी बहिन अब यही चाहते हैं कि उनकी मृतक मां को न्याय मिले इसलिए वे अपने पिता देवेन्द्र भाटिया को उनके किए की सजा दिलाने के लिए कटिबद्ध हैं। हर्षल ने कहा कि उनके पिता मृतका से प्रायः झग़डा करते थे, गाली गलौज करते थे, मारपीट करते थे। उनके पास मम्मी को दी गई प्रता़डना के प्रमाण भी हैं। हर्षल ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया है और कहा है कि उनकी मम्मी की हत्या के वह (हर्षल) चश्मदीद गवाह हैं। वह कहते हैं कि उनके पिता ने जान लेने के इरादे से ही मम्मी को बालकनी से धकेला परन्तु पुलिस ने मेरी शिकायत को ज्यों का त्यों स्वीकार करने के बजाय अपने हिसाब से हेरफेर कर कन्ऩड में लिखकर मुझसे हस्ताक्षर ले लिये। इसी कारण से यह मामला हत्या की धारा(३०७) के तहत दर्ज न कर हत्या के प्रयास (३०६) के अंतर्गत दर्ज किया गया।इतना सब होने के बावजूद अब उन्हें आशा की किरण दिखाई दी जब पुलिस आयुक्त और उपायुक्त ने उन्हें धैर्यपूर्वक सुना और सहयोग दिया। हर्षल का स्टेटमेंट अभी गत ६ अक्टूबर को और उनकी बहन का स्टेटमेंट ९ अक्टूबर को मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज हो गया है। गौरतलब है कि इस मामले में देवेन्द्र भाटिया को २७ सितंबर को ही जमानत मिल गई थी। हर्षल ने यह भी बताया कि उन्होंने पुलिस आयुक्त और उपायुक्त को सारी जानकारी दे दी है जिसमें यह भी शामिल है कि घटना के बाद घटना स्थल पर कुछ पुलिसकर्मियों ने ‘सीन ऑफ दि क्राइम’’ से छे़डछा़ड करने की कोशिश की थी।