द्रमुक स्थानीय निकाय चुनाव में मजबूती से उभरने के प्रयास में

द्रमुक स्थानीय निकाय चुनाव में मजबूती से उभरने के प्रयास में

चेन्नई/दक्षिण भारतराज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में दो फा़ड होने के बाद जहां अन्नाद्रमुक के पलानीस्वामी ध़डे और दिनाकरण ध़डे द्वारा अपने आप को मजबूत बनाने की कोेशिशों में जुटे हैं वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) भी अपने संगठन का विस्तार करने और इसे मजबूत बनाने के कार्यों में जुटी हुई है। भारतीय निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए समय निधारित कर दिया है। उच्च न्यायालय ने दो अलग-अलग मामलों पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय चुनाव जल्द कराने का निर्देश दिया।द्रमुक के सूत्रों के अनुसार द्रमुक की दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में भी नतीजे अपने पाले में करने की पुरजोर कोशिश करेगी और द्रमुक नेताओं को इस बात की उम्मीद भी है कि जयललिता के निधन के बाद और दिनाकरण के विवादों में घिरने के बाद पार्टी आरके नगर विधानसभा सीट से अच्छा प्रदर्शन करेगी। फिलहाल द्रमुक का पूरा ध्यान राज्य में होने वाले आगामी स्थानीय निकाय चुनाव पर के्द्रिरत हो गया है। द्रमुक के सूत्रों के अनुसार मौजूदा समय में अयोग्य घोषित किए गए १८ विधायकों के पक्ष अपनी पार्टी के गठबंधन को मजबूत करने के लिए द्रमुक राज्य की कुछ अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर सकती है। स्टालिन राज्य की कुछ पार्टियों के नेता के साथ बैठक करेंगे। दिनाकरण के समर्थकों को जिस प्रकार से द्रमुक द्वारा हिमायत की नजर से देखा जा रहा है उससे इस बात को लेकर भी अटकलें चल रही है कि द्रमुक द्वारा दिनाकरण समर्थकों को अपने पाले मंें लाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि द्रमुक पहले भी कई पार्टियों के असंतुष्ट विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर चुका है। द्रमुक द्वारा सत्तारुढ दल के असंतुष्ट विधायकों को भी अपने पाले में लाने की कोशिश की जा सकती है।

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